Gulshan Kumar Murder Case: हाईकोर्ट का फैसला, दाऊद के साथी रऊफ की उम्रकैद की सजा बरकरार

मुंबई। गुलशन कुमार हत्या मामले (Gulshan Kumar Murder Case) में बॉम्बे हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है. हत्या के दोषी रऊफ मर्चेंट की उम्रकैद की सजा बरकरार रखी गई है. बॉलीवुड प्रोड्यूसर रमेश तौरानी को बरी करने वाली याचिका को कोर्ट ने ठुकरा दिया. बता दें कि टी-सीरीज कंपनी के मालिक गुलशन कुमार को 12 अगस्त 1997 में मुंबई के जुहू इलाके में मारा गया था. उनको मंदिर के बाहर 16 गोलियां मारी गई थीं. इसमें कुछ लोगों को गिरफ्तार किया गया था, वहीं कुछ पर मुकदमे चल रहे हैं. जस्टिस जाधव और जस्टिस बोरकर ने याचिका पर फैसला सुनाया.

मामले की सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने साफ कहा कि राउफ मर्चेंट किसी तरह की उदारता का हकदार नहीं है क्योंकि वह पहले भी पैरोल के बहाने बांग्लादेश भाग गया था.

गुलशन कुमार (Gulshan Kumar Murder Case)से जुड़ी कुल चार याचिकाएं बॉम्बे हाई कोर्ट में आई थीं. इसमें तीन अपील अब्दुल रऊफ, राकेश चंचला पिन्नम और राकेश खाओकर को दोषी ठहराए जाने के खिलाफ थीं. वहीं अन्य याचिका महाराष्ट्र सरकार ने दायर की थी. यह बॉलीवुड प्रोड्यूसर रमेश तौरानी को बरी करने के खिलाफ थी. उनपर हत्या के लिए उकसाने का आरोप था, (Gulshan Kumar Murder Case) जिससे उनको बरी कर दिया गया था. बॉम्बे हाई कोर्ट ने बाकी दोषियों की अर्जियों को आंशिक रूप से सुनने की बात कही है.

कोर्ट ने दोषी ठहराते हुए 2002 में सुनाई थी उम्रकैद की सजा

दरअसल, मर्चेंट को गुलशन कुमार हत्या के केस में कोर्ट ने दोषी ठहराया था. अप्रैल 2002 में उसे उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी. साल 2009 में उसे बीमार मां से मिलने के लिए पैरोल मिली थी. इसी दौरान वह बांग्लादेश भाग गया था, हालांकि बाद में बांग्लादेश पुलिस ने उसे फर्जी पासपोर्ट मामले में अरेस्ट किया. मर्चेंट को बांग्लादेश में अरेस्ट करने के बाद पहले गाजीपुर के काशिमपुर जेल में रखा गया.

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