जीएसटी विभाग की छापामार कार्रवाई: नकली डीजल का 45 करोड़ का कारोबार उजागर

रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य कर (जीएसटी) विभाग ने राजनांदगांव में फेन्नी इंटरप्राइजेज नामक फर्म पर बड़ी कार्रवाई करते हुए नकली डीजल के धंधे का पर्दाफाश किया है। यह फर्म गुजरात से बेस ऑयल मंगाकर उसे ट्रकों में डीजल के रूप में बेच रही थी। यह छापा जीएसटी आयुक्त पुष्पेन्द्र मीणा के निर्देशन में बिजनेस इंटेलिजेंस यूनिट द्वारा डाला गया।
जांच में सामने आया कि फर्म ने साढ़े तीन वर्षों में करीब 64 करोड़ रुपए का बेस ऑयल खरीदा, जिसमें से 45.48 करोड़ रुपए का माल छत्तीसगढ़ में और 19.1 करोड़ का माल महाराष्ट्र में बेचा गया। पेट्रोल पंप पर जहां डीजल की कीमत 95 रुपए प्रति लीटर है, वहीं यह नकली डीजल 70 रुपए प्रति लीटर में बेचा जा रहा था।
बेस ऑयल का प्रयोग केवल औद्योगिक प्रयोजनों के लिए मान्य है। इसमें 9% जीएसटी लगता है जबकि डीजल पर 23% वैट है। इस तरह के फर्जीवाड़े से राज्य को बड़े पैमाने पर राजस्व की हानि हो रही थी। साथ ही यह ऑयल पर्यावरण और ट्रकों के इंजन के लिए भी बेहद नुकसानदायक है।
कारोबार का भंडाफोड़ ओडिशा में एक ट्रक पकड़ाने के बाद हुआ। फर्म ने राजनांदगांव में एक बंद ढाबे को किराए पर लेकर वहां 9 टंकियां स्थापित की थीं, जिनकी कुल क्षमता 40,000 लीटर थी। पंप और मीटर लगाकर इन्हें डीजल पंप की तरह चलाया जा रहा था। यह ढाबा ट्रक ड्राइवरों के बीच सस्ते डीजल के लिए मशहूर था।