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सरगुजा-अंबिकापुर

Ambikapur: समिति प्रबंधन की मनमानी, किसानों के लिए बनी परेशानी, अब नुकसान उठाने को मजबूर किसान, पढ़िए

शिव शंकर साहनी@अंबिकापुर। (Ambikapur) प्रदेश के खाद्य मंत्री अमरजीत भगत के विधानसभा क्षेत्र में ही धान खरीदी केंद्र में भारी अनियमितता देखने को मिली रही है। शासन द्वारा निर्धारित सभी नियमों को ताक पर रख कर समिति प्रबंधन धान की खरीदी कर रहा है।(Ambikapur)  समिति प्रबंधन की मनमानी की वजह से किसान धान बेचने के दौरान नुकसान उठाने को मजबूर है।

(Ambikapur) सरगुजा जिले के सीतापुर विधानसभा क्षेत्र के राधापुर धान खरीदी केंद्र में शासन द्वारा निर्धारित सभी नियमों को ताक पर रखकर खरीदी की जा रही है। प्रबंधन के द्वारा धान की तौल के लिए न तो इलेक्ट्रॉनिक मशीन की व्यवस्था की गई है और न ही इस धान खरीदी केंद्र में प्रर्याप्त व्यवस्था नज़र आती है।

शायद जिले का यह एक ऐसा इकलौता धान खरीदी केंद्र होगा जहां आज भी पुराने जमाने के तराजू से धान का तोल किया जा रहा है। जबकि बांट की जगह नमक का स्तेमाल समिति प्रबंधन कर रहा है। इससे अंदाजा लगा लीजिए कि धान बेचने के दौरान किसानों को किस स्तर पर नुकसान उठान पड़ रहा होगा…

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किसानों से प्रति बोरा 7 रुपए वसूला जा रहा

राधापुर धान खरीदी केंद्र में धांधली का मामला यहीं खत्म नहीं होता। धान बेचने पहुंच रहे किसानों से प्रबंधन के द्वारा लेबर चार्ज के नाम पर प्रति बोरा 7 रुपए  वसूल किया जा रहा है। जबकि प्रदेश के सभी धान खरीदी केंद्रों में लेबर चार्ज शासन को भुगतान करना है।  ऐसे में इस क्षेत्र के किसानों से लेबर चार्ज के नाम पर अतिरिक्त रुपए वसूल कर समिति प्रबंधन अपनी जेब गर्म करने में लगा हुआ है।

समिति प्रबंधक के मुताबिक धान खरीदी केंद्रों में कोई दिक्कत नहीं

वहीं समिति प्रबंधक का कहना है कि धान खरीदी केंद्र में किसी प्रकार की दिक्कत नहीं हो रही है। इलेक्ट्रॉनिक मशीन में लेबर गलत तौल करते हैं। जिस वजह से बांट वाले पुराने तराजू का उयोग किया जा रहा है..

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