मुख्यमंत्री निवास में हरेली तिहार का भव्य आयोजन, किसानों की खुशहाली को बताया प्राथमिक ध्येय

रायपुर। छत्तीसगढ़ की कृषि और लोकसंस्कृति से जुड़े हरेली तिहार का पारंपरिक आयोजन आज मुख्यमंत्री निवास में गरिमामय तरीके से हुआ। इस अवसर पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ की संस्कृति सजीव और निर्जीव दोनों के प्रति सम्मान और आभार की भावना से ओत-प्रोत है। उन्होंने हरेली को किसानों की खुशहाली और प्रकृति के प्रति आभार प्रकट करने वाला पर्व बताया।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि हरेली छत्तीसगढ़ की आत्मा से जुड़ा पर्व है, जो बस्तर से सरगुजा तक एक ही रंग और भाव में मनाया जाता है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार किसानों की समृद्धि के लिए लगातार कार्य कर रही है। 3100 रुपये प्रति क्विंटल की दर से धान खरीद और 21 क्विंटल प्रति एकड़ की सीमा तय कर राज्य सरकार ने ऐतिहासिक निर्णय लिए हैं।
मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2047 तक विकसित छत्तीसगढ़ का लक्ष्य निर्धारित कर विजन डॉक्यूमेंट तैयार किया गया है और भ्रष्टाचार मुक्त शासन देने के लिए हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं।
विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने कहा कि हरेली केवल एक पर्व नहीं, बल्कि छत्तीसगढ़ की परंपरा, प्रकृति और कृषक जीवन का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि ऐसा विश्वास है कि इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती धरती पर आकर किसानों के बीच उपस्थित होते हैं। कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री अरुण साव, विजय शर्मा, स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल, कृषि मंत्री राम विचार नेताम, महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े समेत कई विधायक व गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।