GPSC भर्ती घोटाला: 2021 का पेपर पहले ही लीक, CBI की चार्जशीट में बड़े खुलासे

रायपुर। छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (CGPSC) भर्ती घोटाले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) की जांच ने चौंकाने वाले तथ्य उजागर किए हैं। CBI की 2000 पन्नों की चार्जशीट के अनुसार, 2021 की मुख्य परीक्षा का प्रश्नपत्र 2020 में ही लीक कर दिया गया था। आरोप है कि उस समय की परीक्षा नियंत्रक आरती वासनिक ने तत्कालीन सचिव व रिटायर्ड IAS जीवनलाल ध्रुव के जरिए पेपर बाहर कराया। यह पेपर जीवनलाल के बेटे सुमित को मिला, जिसने एक साल पहले से उसका अभ्यास किया।

चार्जशीट में कहा गया है कि परीक्षा प्रक्रिया में गंभीर अनियमितताएं हुईं। तत्कालीन अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी ने अपने भतीजे नीतेश, बहू निशा और रिश्तेदार दीपा आदिल को लाभ पहुंचाया। हैरानी की बात यह है कि नीतेश और निशा इंटरव्यू में शामिल नहीं हुए, फिर भी उनका नाम चयन सूची में था। वहीं दीपा ने आवेदन पत्र में पति का नाम छिपाया। CBI के अनुसार, टामन ने इन सभी को पहले से प्री और मेंस का पेपर उपलब्ध कराया था।

जांच में यह भी सामने आया कि पेपर सेट तैयार करने वाले मॉडरेटरों के नाम रजिस्टर में दर्ज ही नहीं थे। स्ट्रॉन्ग रूम में पेपर जमा करने का रिकॉर्ड भी नहीं मिला। CBI की छापेमारी में घरों से प्रश्नपत्र और उत्तर की कॉपियां बरामद हुईं।

यह घोटाला 2020 से 2022 के बीच हुई परीक्षाओं से जुड़ा है। आरोप है कि योग्य अभ्यर्थियों को दरकिनार कर प्रभावशाली परिवारों के उम्मीदवारों को डिप्टी कलेक्टर, डीएसपी और अन्य पद दिलाए गए। 171 पदों के लिए हुई इस परीक्षा में गड़बड़ी के मामले में अब तक 12 आरोपी गिरफ्तार हो चुके हैं। मामला फिलहाल अदालत में है और CBI जांच जारी है।

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