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संस्थान नवाचार परिषद के क्षेत्रीय सम्मेलन का राज्यपाल ने किया उद्घाटन, समाज को नवाचार से जोड़ने की अपील की

रायपुर। राज्यपाल रमेन डेका ने कहा कि नवाचार केवल प्रयोगशालाओं और कक्षाओं तक सीमित नहीं रहना चाहिए, बल्कि इसे समाज से जोड़ना आवश्यक है।

उन्होंने आज शंकराचार्य व्यावसायिक प्रबंधन एवं प्रौद्योगिकी संस्थान, रायपुर में इनोवेशन सेल, ऑल इंडिया तकनीकी शिक्षा परिषद, शिक्षा मंत्रालय भारत सरकार द्वारा आयोजित संस्थान नवाचार परिषद (आईआईसी) के क्षेत्रीय सम्मेलन का उद्घाटन किया। इस अवसर पर वे मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे।

राज्यपाल ने कहा कि यह सम्मेलन छत्तीसगढ़ की राष्ट्रीय नवाचार यात्रा में बढ़ती भूमिका को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ प्राकृतिक संपदा, पारंपरिक ज्ञान, कृषि, वनोपज और जनजातीय विज्ञान का धनी है। यदि इन क्षमताओं को नवाचार से जोड़ा जाए, तो स्थानीय उत्पाद और तकनीक विश्व बाजार में प्रतिस्पर्धी बन सकते हैं। उन्होंने कहा कि एक छोटा सा नवाचार भी मानव की बड़ी जरूरतों को पूरा कर सकता है।

उन्होंने 21वीं सदी के विद्यार्थियों को सौभाग्यशाली बताते हुए कहा कि इंटरनेट आज की सबसे बड़ी खोज है और सतत विकास की दिशा में विज्ञान ही सबसे बड़ा सहायक है। उन्होंने जलवायु परिवर्तन, माइक्रो प्लास्टिक और मधुमेह को वर्तमान समय की प्रमुख समस्याएँ बताते हुए युवाओं से इन पर शोध और नवाचार करने का आह्वान किया। राज्यपाल ने कहा कि नवाचार केवल लाभ के लिए नहीं बल्कि उद्देश्य के लिए होना चाहिए। असफलता को अवसर मानकर आगे बढ़ना ही सफलता का मार्ग है।

राज्यपाल डेका ने कहा कि युवाओं का साहस और जिज्ञासा भारत को वर्ष 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी और देश 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था का लक्ष्य हासिल करेगा।

कार्यक्रम के दौरान उन्होंने संस्थान की आईडिया लैब का अवलोकन किया और विद्यार्थियों को प्रोत्साहित किया। इस मौके पर एआईसीटीई के उपनिदेशक डॉ. निखिल कांत, एसएसआईपीएमटी भिलाई के चेयरमैन श्री आई. पी. मिश्रा, निदेशक श्री निशांत त्रिपाठी, प्राचार्य श्री आलोक जैन सहित बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएँ और शिक्षण स्टाफ उपस्थित रहे।

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