रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज मेडिकल कॉलेज सभागार में छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज (व्यापार एवं विकास) सहकारी संघ मर्यादित के नवनियुक्त अध्यक्ष रूप साय सलाम और उपाध्यक्ष श्री यज्ञदत्त शर्मा के पदभार ग्रहण कार्यक्रम में शामिल होकर उन्हें नई जिम्मेदारियों के लिए बधाई एवं शुभकामनाएं दीं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सलाम जैसा संवेदनशील एवं अनुभवी व्यक्ति जब संगठन का नेतृत्व संभालेगा, तो निश्चित रूप से वनोपज आधारित अर्थव्यवस्था को नई दिशा मिलेगी। उन्होंने कहा कि श्री सलाम स्वयं जनजातीय समुदाय से आते हैं, इसलिए उसके दुख-दर्द, अपेक्षाओं और जरूरतों को बेहतर ढंग से समझते हैं। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कहा कि वनवासियों की आय बढ़ाना और उनका सर्वांगीण विकास वर्तमान सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।
उन्होंने याद दिलाया कि श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी ने जनजातीय समाज के विकास को ध्यान में रखकर ही छत्तीसगढ़ राज्य का निर्माण किया था और केंद्र में अलग जनजातीय मंत्रालय की स्थापना कर नई सोच दी थी। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने भी इसी संकल्प को आगे बढ़ाते हुए ‘धरती आबा ग्राम उत्कर्ष योजना’ और ‘पीएम जनमन योजना’ जैसी ऐतिहासिक पहलें लागू कीं, जिनसे आदिवासी अंचलों में तेजी से परिवर्तन आया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में तेंदूपत्ता संग्राहकों को देश में सर्वाधिक मूल्य दिया जा रहा है। वनोपजों के वैल्यू एडिशन और प्रोसेसिंग के विस्तार के माध्यम से वनवासियों की आय दोगुनी करने का लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार आर्थिक सशक्तीकरण, सामाजिक सुरक्षा, शिक्षा और स्वास्थ्य से जुड़ी योजनाओं को प्राथमिकता देकर जनजातीय परिवारों में भरोसा और समृद्धि का नया अध्याय लिख रही है।
वनमंत्री केदार कश्यप ने कहा कि छत्तीसगढ़ के लिए यह सौभाग्य है कि राज्य का नेतृत्व स्वयं जनजातीय समुदाय से आने वाले मुख्यमंत्री श्री साय कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि तेंदूपत्ता का समर्थन मूल्य 4,000 से बढ़ाकर 5,500 रुपये प्रति मानक बोरा करने वाला छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य है।
कार्यक्रम में स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल, चेयरमैन संजय श्रीवास्तव, रूप नारायण सिन्हा, विकास मरकाम, डॉ. सलीम राज, वनबल प्रमुख व्ही. श्रीनिवास राव सहित बड़ी संख्या में वनोपज संग्राहक उपस्थित थे।
