काठमांडू। नेपाल के राष्ट्रपति राम चंद्र पौडेल बुधवार को ‘जनरेशन जेड’ आंदोलन के प्रदर्शनकारियों से मुलाकात करेंगे। उनका उद्देश्य जारी हिंसक विरोध के बीच संवाद के जरिए शांतिपूर्ण समाधान निकालना है। राष्ट्रपति पौडेल सेना के प्रतिनिधियों के साथ प्रदर्शनकारियों की एक प्रतिनिधिमंडल से चर्चा करेंगे।
राष्ट्रपति पौडेल का यह कदम मंगलवार देर रात प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के इस्तीफे को स्वीकार करने के बाद आया। उन्होंने कहा कि संकट को बिना और किसी नुकसान या हिंसा के संवाद के माध्यम से हल किया जाना चाहिए। उन्होंने सभी पक्षों से शांति बनाए रखने और बातचीत की मेज पर आने का आग्रह किया। उनके अनुसार, लोकतंत्र में नागरिकों की मांगों को बातचीत और समझौते के जरिए हल किया जा सकता है।
‘जनरेशन जेड’ आंदोलन छात्रों और युवा नागरिकों द्वारा शुरू किया गया है। यह आंदोलन सरकार से जवाबदेही और पारदर्शिता की मांग करता है। विरोध प्रदर्शन 8 सितंबर को काठमांडू और अन्य बड़े शहरों जैसे पोखरा, बुटवल और बिरगंज में शुरू हुआ, जब सरकार ने 26 प्रमुख सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर प्रतिबंध लगाया। यह कदम सरकार ने कर राजस्व और साइबर सुरक्षा के कारण उठाया था।
प्रदर्शनकारियों ने सरकारी भ्रष्टाचार, पक्षपात और निर्णय प्रक्रिया में पारदर्शिता की कमी के खिलाफ आवाज उठाई। सोशल मीडिया पर “नेपो बेबीज़” ट्रेंड ने नेताओं के बच्चों की विलासिता को उजागर किया, जिससे आम नागरिकों में असंतोष और नाराजगी बढ़ी। इसके अलावा, नेपाल में रोज़गार की समस्या भी बढ़ रही है, लगभग 5,000 युवा रोज़ काम की तलाश में विदेश जा रहे हैं।
विरोध के दौरान सुरक्षा बलों और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़पें हुईं, जिसमें कम से कम 19 लोग मारे गए और 500 से अधिक घायल हुए। कई शहरों में कर्फ्यू लगाया गया। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि सोशल मीडिया पर प्रतिबंध उनके स्वतंत्र विचार और अभिव्यक्ति को दबाने का प्रयास है। राष्ट्रपति पौडेल की पहल के जरिए उम्मीद है कि संवाद और शांति के माध्यम से स्थिति नियंत्रित की जा सके।