Gariyaband: एक वृद्धा की ऐसी मजबूरी, पेट पालने के लिए मांगना पड़ता हैं भीख, आज तक नहीं बना राशनकार्ड और ना ही मिल पाया वृद्धा पेंशन

रवि तिवारी@गरियाबंद। (Gariyaband) डोहल ग्राम पंचायत की रहने वाली बेलो बाई यादव की कहानी कुछ ऐसी हैं, जिसे सुनकर हर कोई जिम्मेदारों को कोसते नहीं थकेगा। जी हां बेलो बाई को दो वक्त के भोजन के लिए भीख मांगना पड़ता हैं। बेलो बाई पिछले कई सालों से इसी तरह भीख मांगकर अपना पेट पालने को मजबूर हैं। बेलो बाई भीख मांगकर अपना पेट भरने को मजबूर हो गईं है। 62 की उम्र पार कर चुकी बेलो बाई को आज तक पेंशन भी नहीं मिल सका हैं। (Gariyaband) किसी तरह भीख में मिले चावल से ही उसका जीवन यापन हो पा रहा हैं। हालांकि गॉव में ही बेलो बाई के रिश्तेदार रहते हैं, उनके रहने के बाद भी बेलो बाई भीख मांगकर जिंदगी जीने को मजबूर हैं। बेलो बाई कहती हैं कि उसके रिश्तेदारों ने खाना देने की बात कही,लेकिन वे उन पर बोझ बनना नहीं चाहती,इसी के चलते ही वे गॉव-गॉव घूमकर भीख मांगकर अपना जीवन यापन करती हैं।
(Gariyaband) बेलो बाई का रिश्तेदार भागवत यादव बताता हैं कि उन्होंने भी बेलो बाई को भोजन देने की बात कही लेकिन उसने मना कर दिया। भागवत के मुताबिक बेलो की जिंदगी भीख मांगकर चल रहीं हैं। यहां बताना लाजमी होगा कि बेलो बाई अपने बहन के घर शरण लेकर रह रहीं हैं।
सचिव को अब तक मामले की जानकारी नहीं
डोहल पंचायत सचिव महेंद्र ठाकुर से जब मामले को लेकर चर्चा की गई तो उन्होंने मामले की जानकारी नहीं होने की बात कहीं। इस दौरान प्रतिनिधि ने जब आसपास के लोगों से जानकारी सचिव को दिलवाया,तो उन्होंने सोमवार को राशनकार्ड संबंधी पूरे दस्तावेज लेकर प्रक्रिया शुरू करने की बात कहीं।