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गरियाबंद

Gariyaband big breaking-: सुपेबेडा में जारी हैं मौत का तांडव,गॉव में आज फिर हुई किडनी से एक मौत,मौत का आंकड़ा पहुँचा 70 के पार

रवि तिवारी@देवभोग। सुपेबेडा में मौत का तांडव थमने का नाम नहीं ले रहा हैं। पिछले कुछ महीनों से गॉव में मौत का सिलसिला थम सा गया था। ऐसे में माना जा रहा था कि गॉव में अब किडनी से मौत का तांडव थम जाएगा। वहीं आज हुई मौत से एक बार फिर ग्रामीण दहसत में हैं। ग्रामीण किडनी से पूरनधर आण्डिल्य की मौत होना बता रहे हैं, जबकि जिले के सीएमएचओ की माने तो पुरनधर की मौत मल्टी ऑर्गन फेलियर से हुई हैं।

गॉव के त्रिलोचन सोनवानी और महेंद्र सोनवानी ने बताया कि मृतक पूरनधर पिछले चार साल से किडनी की बीमारी से पीड़ित था। त्रिलोचन ने बताया की गत 3 मार्च 2022 को एम्स में आई रिपोर्ट में पूरनधर का यूरिया 178 और क्रिटिनिन 7.28 आया था। वहीं यूरिया और क्रिटिनिन लेवल बढ़ने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने सम्पर्क कर पूरनधर को इलाज के लिए राजधानी के डीकेएस अस्पताल भी भेजा था लेकिन वहां भी पूरनधर बिना इलाज किये वापस लौट आया। त्रिलोचन ने बताया कि मृतक को किडनी की बीमारी के साथ ही टीवी की भी बीमारी थी। त्रिलोचन के मुताबिक गॉव में किडनी की बीमारी से सन 2005 से अब तक करीब 70 से ज्यादा लोगों ने दम तोड़ा हैं, जबकि अभी भी गॉव में 30 लोग किडनी की बीमारी से पीड़ित हैं, जबकि 2 लोग गम्भीर हैं।

सीएमएचओ बोले मल्टी ऑर्गन फेलियर से हुई मौत

सीएमएचओ डॉक्टर एन आर नवरत्न ने भी माना कि मृतक को किडनी की बीमारी थी,लेकिन उसकी मौत किडनी की बीमारी से नहीं होने की बात उन्होंने कहि। सीएमएचओ ने कहा कि किडनी की बीमारी के साथ ही मृतक को टीवी और हार्ट की भी बीमारी थी। उन्होंने कहा कि पूरनधर की मौत प्लामोनरी टुयोबर क्लोसिस,सेप्टीसिमिया के साथ ही कार्डियोजेनिक के चलते मौत हुई हैं।

इलाज करवाने को तैयार नहीं था पूरनधर

सीएमएचओ डॉक्टर एन आर नवरत्न ने बताया कि मृतक को 26 फरवरी को एम्स ले गए थे,वहां कुछ दिन रहने के बाद बिना इलाज करवाये वह 4 मार्च को घर लौट आया। इसके बाद 23 मार्च को मैनपुर से जिला अस्पताल इलाज के लिए लाया गया। वही जिला अस्पताल से रेफर होकर 28 मार्च को पहले मेकाहारा में भर्ती हुआ,उसके कुछ ही घंटे बाद डीकेएस में भर्ती हुआ। वहीं डीकेएस में भर्ती होने के दो दिन बाद ही 30 मार्च को वहां से बिना इलाज करवाये 30 मार्च को वापस घर आ गया। इसके बाद 1 अप्रैल को देवभोग की टीम ने घर जाकर इलाज करवाने के लिए समझाइश दी लेकिन उसने मना कर दिया। सीएमएचओ ने कहा कि यूरिया और क्रिटिनिन लेवल के बढ़ने के बाद मैंने पूरनधर को डायलिसिस करवाने की सलाह दी थी,लेकिन उसने डायलिसिस करवाने से भी मना कर दिया। वहीं गॉव के त्रिलोचन ने भी माना कि मृतक इलाज के लिए एम्स और डीकेएस जाता तो था,लेकिन बिना इलाज करवाये वापस भी लौट आता था।

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