Gariyaband: इस वजह से सुर्खियों में सुपेबेड़ा…..मुख्य सचिव, कलेक्टर और एसडीएम को स्पी़ड पोस्ट के माध्यम से सौंपा ज्ञापन

रवि तिवारी@देवभोग। (Gariyaband) सुपेबेड़ा पंचायत किडनी की बीमारी के चलते हमेशा सुर्खियों में रहा है। इस बार एक बार फिर सुपेबेड़ा का नाम सुर्खियों में आ गया है। इस बार पंचायत के 200 से अधिक ग्रामीणों ने मुख्य सचिव,कलेक्टर के साथ ही एसडीएम को स्पीड पोस्ट के माध्यम से आवेदन कर पंचायत के सरपंच पति महेंद्र मसरा के साथ ही सचिव देवीलाल सोनवानी पर पंचायती कामकाज में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है। ग्रामीणों ने तीनों अधिकारियों को भेजे गए पत्र में 13 बिंदु पर शिकायत करते हुए जांच की मांग भी किया है। (Gariyaband) ग्रामीणों ने सरपंच पति और सचिव पर आरोप लगाते हुए आवेदन में ज़िक्र किया है कि ग्राम पंचायत सुपेबेड़ा में सचिव देवीराम सोनवानी के साथ ही सरपंच पति महेंद्र कुमार मसरा के द्वारा विभिन्न निर्माण कार्यों में गुणवत्ता को ताक में रखकर व मनरेगा कार्य में फर्जीवाड़ा किया जा रहा है।
13 बिंदुओं पर जांच के लिए सौंपा ज्ञापन
ग्रामीणों ने दिए गए आवेदन में 13 बिंदुओं का जिक्र करते हुए जांच के लिए मांग किया है। आवेदन देने वाले ग्रामीण जीवनदास,जीवनलाल,गजेंद्र कुमार,प्रेमजय, कौशल,मुरलीमनोहर,वार्ड क्रमांक 3 की पंच पूनम क्षेत्रपाल और लवकुमार नागेश ने बताया कि गॉव में निर्माण किये गए छोटीगुड़ी निर्माण की गुणवत्ता सही नहीं है। इसी के साथ ही मधुसूदन के घर से दामूधर यादव के घर तक बनाये गए सीसी सड़क की भी गुणवत्ता की जांच करने के लिए भी आवेदन सौपा गया है। इसी क्रम में ठाकुरानी मंदिर से गयाराम के खेत तक बनाये गए सीसी सड़क की गुणवत्ता पर भी ग्रामीणों ने सवाल खड़ा किया है।
नियम विरुद्ध तोड़े गए 12 शौचालय
ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि सरपंच पति महेंद्र मसरा के साथ ही सचिव देवीलाल सोनवानी की मनमानी पंचायत में बढ़ता ही जा रहा है। ग्रामीणों के मुताबिक स्वच्छ भारत अभियान के तहत बनाये गए 12 शौचालय को तोड़ कर नियम विरुद्ध उक्त जगह पर पंचायत का निर्माण किया जा रहा है। यह भी आरोप लगाया गया है कि 14वें वित्त की राशि का आहरण कर उपयोग सामग्री को सरपंच व सचिव द्वारा घरेलू उपयोग किया जा रहा है। ग्रामीणों ने पेंशन वितरण को लेकर आरोप लगाया है कि पेंशनरों के पेंशन की राशि का भुगतान सही समय पर नही किया जा रहा है। वही सचिव पर आरोप लगाया गया है कि जन्म-मृत्यु प्रमाण-पत्र मांगने पर सचिव द्वारा आनाकानी किया जाता है। वही पंचायत को शासन से प्राप्त 14वे एवं 15वे वित्त की राशि के दुरुपयोग का भी आरोप ग्रामीणों ने लगाया है।
मनरेगा कार्य में भी फर्जीवाड़े का लगा आरोप
ग्रामीणों ने सौपे गए आवेदन में जिक्र किया है कि गॉव में हितग्राही गोपालचंद्र पिता डमरूधर सोनवानी का भूमि सुधार का कार्य चला था,उस कार्य में भी फर्जीवाड़ा करने का आरोप ग्रामीणों ने लगाया है।
कोविड के तहत स्कूल भवन में लगाये गए सामान के गबन का आरोप
ग्रामीणों ने सरपंच पति और सचिव पर आरोप लगाया है की कोविड के तहत स्कूल भवन में 22 पंखा और इलेक्ट्रॉनिक सामान लगाया गया था, उसे भी सरपंच पति और सचिव द्वारा गबन किये जाने का आरोप ग्रामीणों द्वारा लगाया गया है। वही ग्राम सभा का बैठक नही करने का आरोप भी लगाया गया है।
सरपंच पति और सचिव ने कहा बेबुनियाद आरोप
मामले में सरपंच पति महेंद्र मसरा ने कहा कि बेबुनियाद आरोप लगाया गया है। वे पंचायत के कार्यों में कभी दखलअंदाज़ी नही करते। पूरे काम का देख रेख सरपंच ही करती है। पंचायत में मनमानी का आरोप भी गलत है। वही सचिव देवीलाल सोनवानी ने कहा कि पंचायत के कार्यों को गुणवत्ता पूर्वक सम्पन्न करवाया गया है। पूरे कार्य गुणवत्ता को ध्यान में रखकर किये गए है। जहां तक 12 शौचालय को तोड़ने का आरोप,वह भी गलत है। क्यों कि शौचालय पहले ही टूट चुके थे,वहां बस उसका मलबा बचा था। उस मलबे को साफ करवाकर वहां प्रस्तावित पंचायत भवन को बनवाया गया है। ग्राम सभा नही किये जाने के आरोप को भी सचिव ने सिरे से खारिज कर दिया।
शासन से मिली राशि का सहीं उपयोग
सचिव ने कहा कि उनके आने के बाद उन्होंने तीन से चार बार ग्राम सभा का बैठक किया था,फिर कोविड के चलते बैठक नही हो पाया। सचिव ने कहा कि शासन से मिली राशि का भी सही उपयोग किया गया है। वही कोविड के समय स्कूल भवन में लगे पंखे और इलेक्ट्रॉनिक सामान पंचायत की संपत्ति है। चोरी होने का डर था,इसीलिए निकालकर सुरक्षित रखा गया है। मामले में एसडीएम अनुपम आशीष टोप्पो ने कहा कि आवेदन के आधार पर जांच करवाया जाएगा,जांच में जो भी तथ्य सामने आएंगे, उसी आधार पर कार्रवाई किया जाएगा।