गरियाबंद

Gariyaband: 5 युवाओं की मेहनत लाई रंग, 1 एकड़ की बंजर पहाड़ी पर छाई हरियाली, साई मंदिर के सपने को दिया अंतिम रूप

रवि तिवारी@देवभोग। (Gariyaband) कहते है कि जहां चाह होती है,वहां राह होती है। जी हां इन कहावतों को देवभोग के 5 युवाओं ने सही कर दिखाया है। 5 युवाओं द्वारा 2017 में सोची गयी सोच आज बड़ा रूप ले चुकी है। वही 5 युवाओं की सोच से प्रेरित होकर 40 अन्य लोगों ने भी जुड़कर भव्य साईं मंदिर के निर्माण को अंतिम रूप देना शुरू भी कर दिया है।(Gariyaband)  वही झाराबाहाल के पहाड़ी वाले बंजर जमीन को भी युवाओं ने हराभरा कर सिद्ध कर दिया है कि व्यक्ति यदि कठिन परिश्रम और दृढ़ निश्चय से कुछ करे तो हर कार्य संभव है। यहां बताना लाज़मी होगा कि झाराबाहाल में साईं समिति द्वारा एक एकड़ में भव्य मंदिर बनवाया जा रहा है। इस मंदिर को बनवाना युवाओं के लिए किसी संघर्ष से कम नही था। यह एरिया झाराबाहाल का सबसे पथरीला जगह था। समिति के अध्यक्ष विकास उपाध्याय बताते है कि शुरुवाती दिनों में 5 युवाओं की टीम ने काम करते हुए करीब चार महीने के अथक प्रयास के बाद पहाड़ को खोदकर डीपीसी का कार्य पूरा करवाया था। वही मंदिर निर्माण को देखते हुए क्षेत्र के लोग समिति में जुड़ते चले गए और आज 45 लोगों की टीम मेहनत कर साईं मंदिर के सपने को पूरा कर अंतिम रूप दे रही है।

पर्यावरण संरक्षण का दिया जबरदस्त उदाहरण

(Gariyaband) युवाओं की टीम ने पहाड़ जैसे जगह को छह महीने के अथक प्रयास से हराभरा कर दिया। एक समय ऐसा था जब उस पहाड़ में एक पौधा दिखाई नही पड़ता था। आज उस जगह पर एक एकड़ में पहाड़ के ऊपर पौधे ही पौधे नज़र आते है। समिति के अध्यक्ष विकास उपाध्याय,सचिव महेंद्र ठाकुर,सचिन टांडिया,दिलीप कौशिक और हरीश तायल की माने तो आज पेड़-पौधे का बहुत ज्यादा महत्व है। कोरोना काल ने हमें अच्छे से पेड़-पौधों का महत्व समझा दिया। सदस्यों के मुताबिक बंजर जमीन पर शुरवात में पेड़-पौधे लगाने पर वे स्वतः ही सुख जाते थे,लेकिन साईं पर भरोशा रखकर हमने वृक्षारोपण का कार्य जारी रखा,जिसके बदौलत आज एक एकड़ में फलदार,छायादार और शोभा बढ़ाने वाले 1300 वृक्ष साईं उद्यान की शोभा बढ़ा रहे है।

साईं की महिमा का चारों और हो रहा गुणगान

जिस जगह पहाड़ के सबसे ऊपर चोटी में साईं मंदिर का निर्माण किया गया है। उस जगह से लेकर जुड़े बस्ती के 50 घरों में हैंडपम्प खोदा गया था,लेकिन सभी घरों में हैंडपम्प असफल रहा। लोग अपने घरों में 400 फिट से ऊपर तक बोर खुदवा चुके थे लेकिन सभी जगह पानी नही निकल पाया। इन परिस्थितियों को देखते हुए साईं मंदिर के सदस्य भी चिंतित थे,लेकिन ताज्जुब की बात यह है कि मंदिर के सामने ही ऊपर चोटी में बोर खनन किया गया,और बोर भी पूरी तरह सफल रहा। जिस जगह पर एक बूंद पानी की कल्पना नही की जा सकती,और उस पहाड़ पर बोर में 24 घंटे पानी चल रहा है। वही साईं की ये महिमा को देखकर पूरे देवभोग क्षेत्र में उनका गुणगान किया जा रहा है।

क्षेत्र के लोगों की उमड़ रही श्रद्धा

साई मंदिर समिति के अध्यक्ष विकास उपाध्याय ने बताया कि मंदिर निर्माण का कार्य जब से शुरू हुआ है,तब से लगातार जारी है। विकास के मुताबिक मंदिर निर्माण के लिए क्षेत्र के लोगों की श्रद्धा देखते ही बनती है। लोग मंदिर निर्माण के लिए बढ़चढ़कर दान कर रहे है। विकास के मुताबिक अंचल के गोहरापदर, उरमाल,झाकरपारा और देवभोग के श्रद्धालुओं का मंदिर निर्माण के लिए बहुत अच्छा सहयोग प्राप्त हुआ है।

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