बुलढाणा। महाराष्ट्र के बुलढाणा जिले में पिछले कुछ महीनों में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां 15 गांवों के लोगों के अचानक बाल झड़ने लगे और वे गंजे हो गए। यह घटना दो महीने पहले शुरू हुई थी, और अब विशेषज्ञों ने इस समस्या का कारण पंजाब का गेहूं बताया है।
पद्मश्री सम्मानित डॉ. हिम्मतराव बावस्कर ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि गेहूं में अत्यधिक मात्रा में सेलेनियम पाया गया था, जिसके कारण लोग गंजे हो गए थे। डॉ. बावस्कर ने कहा कि सेलेनियम से भरे गेहूं की रोटियां खाने से 300 से अधिक लोगों के बाल झड़ गए। इस बीमारी में पहले दिन सिर में खुजली होती है, दूसरे दिन बाल गिरने लगते हैं और तीसरे दिन व्यक्ति गंजा हो जाता है।
महाराष्ट्र के बुलढाणा जिले के शेगाव तहसील के 15 गांवों में इस समस्या ने विकराल रूप ले लिया था। गांव में बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक सभी लोग इससे प्रभावित हुए थे। महिलाएं भी इस समस्या का शिकार हो गई थीं।
सैंपल से हुआ खुलासा
डॉ. बावस्कर ने बताया कि जब उन्होंने बोंडगांव के सरपंच के घर से गेहूं का सैंपल लिया, तो उसमें सेलेनियम की मात्रा बहुत अधिक पाई गई। साथ ही, गेहूं में जिंक की मात्रा भी कम पाई गई। उन्होंने बताया कि इस बीमारी के दौरान, प्रभावित लोगों के ब्लड, पेशाब और बालों में सेलेनियम की मात्रा 35 से 150 गुना बढ़ गई थी।
इस मामले के सामने आने के बाद, स्वास्थ्य विभाग ने प्रभावित गांवों में सर्वे किया और पानी का सैंपल लिया। अब विशेषज्ञों ने प्रभावित लोगों को सलाह दी है कि वे सेलेनियम से भरे गेहूं का सेवन बंद कर दें। इस सलाह के बाद, कुछ दिनों में लोगों के बाल वापस आना शुरू हो गए हैं।