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भाजपा अध्यक्ष पद पर मंथन तेज: पीएम आवास पर हुई अहम बैठक; 8 नाम रेस में सबसे आगे

नई दिल्ली। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष को लेकर सियासी हलचल तेज हो गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को अपने आवास पर एक अहम बैठक की, जिसमें गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और भाजपा के संगठन महामंत्री बी.एल. संतोष मौजूद रहे।

बैठक में नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के नाम को लेकर गंभीर चर्चा हुई। सूत्रों के अनुसार, एक सप्ताह के भीतर नए अध्यक्ष के नाम की घोषणा संभव है। बैठक में उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, मध्यप्रदेश और पश्चिम बंगाल समेत कई राज्यों के अध्यक्षों को लेकर भी बातचीत हुई। सूत्रों का कहना है कि अगले 2-3 दिनों में करीब आधा दर्जन राज्यों के लिए नए अध्यक्षों की घोषणा की जा सकती है। इसके बाद 20 अप्रैल के बाद किसी भी समय राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो सकती है।

नड्डा का कार्यकाल बढ़ा, अब फैसला जरूरी

जेपी नड्डा जनवरी 2020 से पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। संविधान के अनुसार उनका कार्यकाल जनवरी 2023 में समाप्त हो गया था, लेकिन लोकसभा और राज्य विधानसभा चुनावों के मद्देनज़र उनका कार्यकाल आगे बढ़ा दिया गया। अब जबकि लोकसभा चुनाव करीब है, पार्टी नए नेतृत्व की ओर बढ़ना चाहती है। 

चुनाव में देरी की 3 बड़ी वजहें
  1. विपक्ष के नैरेटिव का तोड़:भाजपा नहीं चाहती कि पार्टी के अंदर किसी “थोपे गए फैसले” की छवि बने। संगठनात्मक संतुलन और लोकतांत्रिक छवि बनाए रखना पार्टी के लिए अहम है। 2029 के लोकसभा चुनाव का नेतृत्व नया अध्यक्ष करेगा, इसलिए चयन बेहद सोच-समझकर किया जा रहा है।
  2. महिलाओं को बढ़ेगा प्रतिनिधित्व:नए अध्यक्ष की घोषणा के बाद पार्टी की कार्यकारिणी में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाई जा सकती है। संभावित रूप से 33% तक सीटें महिलाओं को दी जा सकती हैं।
  3. RSS की भूमिका और युवा नेताओं की मांग:संघ चाहता है कि पार्टी में वैचारिक रूप से समर्पित युवाओं को नेतृत्व के अवसर मिलें। यह जिम्मेदारी केवल अध्यक्ष तक सीमित न होकर, पूरी राष्ट्रीय परिषद और कार्यकारिणी में लागू हो। 

अध्यक्ष पद की रेस में ये दिग्गज नेता

  1. शिवराज सिंह चौहान: पूर्व मुख्यमंत्री, 6 बार सांसद, OBC चेहरा। RSS की पहली पसंद माने जा रहे हैं।
  2. सुनील बंसल: संगठन में मजबूत पकड़, यूपी में भाजपा को विजय दिलाने में अहम भूमिका, संघ से गहरा जुड़ाव।
  3. धर्मेन्द्र प्रधान: शिक्षा मंत्री, ओबीसी नेता, संगठन में लंबा अनुभव। मोदी-शाह के भरोसेमंद।
  4. रघुवर दास: झारखंड के पहले गैर-आदिवासी मुख्यमंत्री, जमीनी नेता, ओबीसी फैक्टर मजबूत।
  5. स्मृति ईरानी: महिला चेहरा, प्रशासकीय अनुभव, दक्षिण भारत में प्रभावशाली।
  6. वानति श्रीनिवासन: महिला मोर्चा की अध्यक्ष, तमिलनाडु में पार्टी को मजबूत किया, संघ परिवार से जुड़ाव।
  7. तमिलिसाई सौंदर्यराजन: पूर्व राज्यपाल, संगठनात्मक अनुभव, दक्षिण भारत में लोकप्रिय चेहरा।
  8. डी. पुरंदेश्वरी: NTR की बेटी, पूर्व केंद्रीय मंत्री, आंध्र भाजपा अध्यक्ष, तेलुगु राज्यों में पकड़।

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