धरती आबा से विज्ञान भवन तक, कोरिया की विकास गाथा को मिली राष्ट्रीय पहचान

रायपुर। छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले ने अपनी उत्कृष्ट विकास यात्रा से राष्ट्रीय स्तर पर नई पहचान बनाई है।
नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित “राष्ट्रीय कॉन्क्लेव ऑन आदि कर्मयोगी अभियान” में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने ‘धरती आबा जनजाति ग्राम उत्कर्ष अभियान’ में उल्लेखनीय कार्य के लिए कोरिया की कलेक्टर चंदन त्रिपाठी को सम्मानित किया। इस अवसर पर केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री जुएल ओराम, राज्य मंत्री दुर्गा दास उइके और छत्तीसगढ़ शासन के प्रमुख सचिव सोनमणि बोरा उपस्थित थे।
‘धरती आबा जनजाति ग्राम उत्कर्ष अभियान’ के अंतर्गत कोरिया जिले के 154 जनजातीय ग्रामों में 38 हजार से अधिक परिवारों को शासन की 25 योजनाओं से जोड़ा गया है। इनमें पीएम उज्जवला, आयुष्मान भारत, पीएम किसान सम्मान निधि, सुकन्या समृद्धि, वनाधिकार पट्टा, राशन कार्ड, पीएम आवास और सिकल सेल टेस्टिंग जैसी योजनाएं शामिल हैं। शिविरों और घर-घर जाकर किए गए अभियानों से इस पहल को जनसहभागिता और सुशासन का आदर्श मॉडल माना गया है।
राष्ट्रपति द्वारा मिला यह सम्मान कोरिया जिले के नवाचार, पारदर्शिता और सतत विकास के प्रयासों की राष्ट्रीय पहचान है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि यह उपलब्धि उन कर्मयोगियों की मेहनत का परिणाम है जिन्होंने जनजातीय सशक्तीकरण को धरातल पर साकार किया। उन्होंने कहा कि बस्तर से सरगुजा तक हर जनजातीय परिवार को विकास की मुख्यधारा से जोड़ा जाएगा। आदिम जाति विकास मंत्री रामविचार नेताम ने इसे सुशासन की मिसाल बताया और कहा कि कठिन भौगोलिक परिस्थितियों में भी योजनाओं की रोशनी जन-जन तक पहुँचाना ही वास्तविक सेवा है।