दिल्ली। भारत की समृद्ध सांस्कृतिक और प्राकृतिक धरोहर को एक बार फिर वैश्विक पहचान मिली है। UNESCO की संभावित विश्व धरोहर सूची (UNESCO’s Tentative World Heritage List) में इस बार देश के 7 नए स्थलों को शामिल किया गया है। इनमें महाराष्ट्र के पंचगनी का डेक्कन ट्रैप और महाबलेश्वर, आंध्र प्रदेश की तिरुमाला हिल्स, मेघालय की गुफाएं, नागालैंड के नागा हिल्स ओफीयोलाइट, केरल का वर्कला, विशाखापट्टनम का एरा मट्टी डिब्बालु और कर्नाटक का सेंट मेरी आईलैंड क्लस्टर शामिल हैं।
भारत के स्थायी प्रतिनिधिमंडल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर यह जानकारी साझा करते हुए बताया कि इन स्थलों का चयन देश की सांस्कृतिक और प्राकृतिक विविधता को प्रदर्शित करता है। इन नई प्रविष्टियों के साथ अब तक भारत की 69 साइट्स UNESCO की संभावित सूची में जगह बना चुकी हैं। इनमें से 49 सांस्कृतिक, 17 प्राकृतिक और 3 मिश्रित कैटेगरी की धरोहरें शामिल हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि डेक्कन ट्रैप और महाबलेश्वर भूगर्भीय दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण हैं, जबकि मेघालय की गुफाएं अपनी प्राकृतिक संरचना और रहस्यमयी गहराई के लिए जानी जाती हैं। वहीं, तिरुमाला हिल्स धार्मिक आस्था और प्राकृतिक सौंदर्य का अनूठा संगम मानी जाती है।
इन स्थलों को UNESCO की अंतिम विश्व धरोहर सूची में शामिल किया जाना भारत की पर्यटन और विरासत संरक्षण की दिशा में एक बड़ा कदम होगा। यह न केवल अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाएगा, बल्कि स्थानीय स्तर पर रोजगार और विकास को भी गति देगा।