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अंधेरे से उजाले की ओर: पूवर्ती गांव के अर्जुन की सफलता बनी बदलाव की मिसाल

बस्तर। बस्तर के सुकमा जिले का पूवर्ती गांव, जो कभी नक्सल हिंसा का गढ़ माना जाता था, अब उम्मीद की नई किरण बन रहा है। इसी गांव के माडवी अर्जुन ने जवाहर नवोदय विद्यालय, पेंटा (दोरनापाल) में छठवीं कक्षा में चयन पाकर सभी को गर्वित किया है।

अर्जुन का गांव नक्सली कमांडर हिड़मा का पैतृक गांव रहा है, जहां कभी माओवादी जन अदालतें लगती थीं। लेकिन आज वही गांव शिक्षा और बदलाव की ओर बढ़ रहा है। अर्जुन के घर में न बिजली है, न पक्की छत। माता-पिता खेती और मजदूरी से जीवन यापन करते हैं, फिर भी अर्जुन ने मेहनत और बालक आश्रम सिलगेर के शिक्षकों के सहयोग से यह मुकाम हासिल किया।

सरकार द्वारा चलाए जा रहे नक्सल उन्मूलन अभियान और गुरुकुल स्कूलों की शुरुआत ने पूवर्ती जैसे इलाकों में विकास की नींव रखी है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने अर्जुन को बधाई देते हुए कहा कि यह सफलता बदलते छत्तीसगढ़ की पहचान है। अब पूवर्ती से एक नहीं, हजारों अर्जुन निकलेंगे और नया इतिहास रचेंगे।

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