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छत्तीसगढ़बिलासपुर

बीजेपी प्रदेश प्रभारी के बिलासपुर आगमन पर लगे पोस्टरों से पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह का चेहरा गायब! कांग्रेस ने कसा तंज! बीजेपी नेताओं ने किया बचाव।

मनीष@बिलासपुर। भारतीय जनता पार्टी छत्तीसगढ़ प्रभारी ओम माथुर संगठनात्मक ढांचे को मजबूती देने की मंशा से बैठक लेने बिलासपुर पहुंचे थे। इस दौरान उनके स्वागत को लेकर पोस्टर जगह जगह नजर आए इन पोस्टरों में पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रमन सिंह का चेहरा नजर नहीं आया। जिस पर देश की राजनीति एक बार फिर गरमा गई है

छत्तीसगढ़ में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर सरगर्मियां तेज हो गई हैं इस बीच कोरबा में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने चुनावी सभा को संबोधित करते हुए शंखनाद किया था जिसके बाद प्रदेश संगठन प्रभारी ओम माथुर देर शाम बिलासपुर पहुंचे थे जिनका भव्य स्वागत किया गया था सोमवार को भारतीय जनता पार्टी युवा मोर्चा के द्वारा उनके अभिनंदन स्वागत के लिए पोस्टर लगाए गए थे। इन पोस्टरों में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और पिछले 15 सालों से मुख्यमंत्री रहे रमन सिंह का चेहरा गायब मिला! पोस्टर से मुख्यमंत्री के चेहरे का गायब होना सत्ताधारी कांग्रेस को बीजेपी पर निशाना साधने के मौके के तौर पर मिल गया। कांग्रेस ने इसे डबल इंजन की सरकार में पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह की जरूरत नहीं होना बताया। वहीं बीजेपी नेता व पूर्व नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने उन्हें पार्टी का मार्गदर्शक बताकर मसले पर लगी आग को बुझाने का प्रयास किया। लेकिन क्या बीजेपी नेताओं के नजर में पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह केवल मार्गदर्शक हैं। उनकी वर्षों पुरानी प्रदेश की राजनीति और आगामी विधानसभा चुनाव में रणनीति की महत्ता किसी की समझ से दूर है। क्या इसी कारण बीजेपी युवा मोर्चा के पदाधिकारियों ने पूर्व मुख्यमंत्री को अपना नहीं माना। बहरहाल बिलासपुर बीजेपी युवा मोर्चा के अध्यक्ष निखिल केसरवानी ने इसमें केवल कार्यकर्ताओं से अनजाने में हुई गलती बताया है और नगर निगम बिलासपुर के वार्ड 16 के उपचुनाव में व्यस्तता का हवाला देकर किनारा किया है। लेकिन राजनीति में ऐसी छोटी बातें बड़ा बवंडर लेकर आती है। एक तरफ तो प्रदेश प्रभारी संगठनात्मक बैठक लेकर कार्यकर्ताओं की एकजुटता और बूथ स्तर तक की जा रही मेहनत को याद दिलाते हैं वही उनकी ही संगठन से राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के रूप में जिम्मेदारी दिए जाने वाले व्यक्ति को नजरअंदाज करने की कोशिश शुरू हो जाती है। कांग्रेसी नेता इसे पार्टी का अंदरूनी मामला कहकर भी चुटकी लेते हुए मसले मुखरता से लोगों तक पहुंचा रहे हैं।

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