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मेकाहारा में फॉरेंसिक लैब की शुरुआत: अब जहर और नशे की जांच मिनटों में, बेडसाइड मिलेगी सुविधा

रायपुर। राजधानी के डॉ. भीमराव अंबेडकर स्मृति चिकित्सालय (मेकाहारा) में शनिवार को नैदानिक न्यायालयिक चिकित्सा एवं विषविज्ञान इकाई (CFMT यूनिट) का शुभारंभ किया गया। इस अत्याधुनिक फॉरेंसिक लैब के शुरू होने से छत्तीसगढ़ में पहली बार जहर, नशा, शराब सेवन, अज्ञात विषपान और मेडिको-लीगल मामलों की वैज्ञानिक जांच एक ही स्थान पर संभव हो सकेगी।

अब तक ऐसे मामलों में सैंपल दूसरे संस्थानों को भेजने पड़ते थे, जिससे रिपोर्ट आने में कई दिन लग जाते थे। CFMT यूनिट के शुरू होने से यह जांच अब मिनटों या कुछ घंटों में पूरी की जा सकेगी। खास बात यह है कि अज्ञात जहर सेवन के मामलों में मरीज के बिस्तर पर ही प्राथमिक जांच की सुविधा उपलब्ध होगी, जिससे डॉक्टर तुरंत इलाज शुरू कर सकेंगे।

इस लैब में एम्फेटामिन, बार्बिटुरेट्स, बेंजोडायजेपिन, कोकीन, मारिजुआना, मेथैम्फेटामाइन, ओपियोड्स (हेरोइन), पीसीपी, मॉर्फिन, मेथाडोन, एक्सटेसी और ट्राइसाइक्लिक एंटीडिप्रेसेंट जैसे करीब 12 प्रकार के नशीले पदार्थों की जांच संभव होगी। शराब सेवन की भी सांस, खून और यूरिन के जरिए त्वरित जांच की जा सकेगी।

इस यूनिट से मरीजों और उनके परिजनों को सबसे ज्यादा फायदा मिलेगा। बिना अनुमान के, वैज्ञानिक रिपोर्ट के आधार पर इलाज होगा, जिससे समय पर सही दवा और एंटीडोट देकर जान बचाई जा सकेगी। वहीं पुलिस को नशा और शराब से जुड़े मामलों में मजबूत और त्वरित सबूत मिलेंगे, जो कोर्ट में भी मान्य होंगे।

यह प्रदेश की पहली और देश की 12वीं CFMT लैब है। यहां फॉरेंसिक नर्सिंग, मेडिकल छात्रों और डॉक्टरों को विशेष प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। स्वास्थ्य मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल और विधायक सुनील सोनी ने मेडिकल कॉलेज के नए प्रवेश द्वार, छात्रावास और इस फॉरेंसिक यूनिट का लोकार्पण किया। कार्यक्रम में डीन डॉ. विवेक चौधरी, अधीक्षक डॉ. संतोष सोनकर सहित कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।

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