Jannah Theme License is not validated, Go to the theme options page to validate the license, You need a single license for each domain name.
देश - विदेश

संजय राउत ने भारत-चीन सीमा विवाद पर पीएम मोदी की आलोचना की, बोले-विपक्षी दलों पर ध्यान देने के बजाय सीमाओं पर ध्यान देना चाहिए

नई दिल्ली. तवांग की घटना से साफ है कि प्रधानमंत्री, रक्षा मंत्री ने लगातार देश से कुछ न कुछ छिपाने की कोशिश की है। शुक्रवार को तवांग में हुए हमले के आठ दिन बाद मामला सामने आया है। घायल जवान का गुवाहाटी के एक अस्पताल में इलाज चल रहा है। सच्चाई क्या है यह जानने का कोई तरीका नहीं है। हमारे कितने जवान घायल हुए हैं? कितने जवान शहीद हुए? सरकार इस बारे में आधिकारिक जानकारी नहीं देती है। ऐसा लगता है कि जो गलवान में हुआ वही तवांग में हो रहा है.’

अरुणाचल प्रदेश में तवांग के यांग्त्से सीमा क्षेत्र में चीनी सैनिकों के साथ हुई मुठभेड़ में कई भारतीय सैनिक घायल हो गए, जिसके बाद से राजनीति गरमा गई है। 9 दिसंबर को दोनों देशों के सैनिक आमने-सामने आ गए। ढाई साल पहले गालवान में झड़प के बाद यह पहली घटना है जिसमें 20 जवान शहीद हुए थे। इसके बाद राजनीतिक क्षेत्र से प्रतिक्रियाएं आ रही हैं और शिवसेना सांसद संजय राउत ने अपना गुस्सा जाहिर किया है। 

दिल्ली में मीडिया से बात करते हुए उन्होंने ये जानकारी दी कि आठ दिन बाद देश के रक्षा मंत्री क्या छुपा रहे हैं? संजय ने कहा, ‘गुजरात और देश में विधानसभा चुनाव तक चीन शांत था या उसे चुप रहने को कहा गया था। लद्दाख और डोकलाम के बाद अब वह तवांग में घुस आया था। चीनी सैनिकों के लद्दाख से पीछे हटने की बात चल रही थी और अब तवांग में प्रवेश कर रहे हैं। देश के शासकों को राजनीति, जांच प्रणाली, विधानसभा, विपक्षी दलों पर ध्यान देने के बजाय कमजोर सीमाओं पर ध्यान देना चाहिए।”

केंद्र सरकार की आलोचना करते हुए संजय ने कहा, ‘चीन जैसा दुश्मन तीनों तरफ से घुस रहा है। अगर हम वहां ध्यान दें तो यह वास्तव में देश की सेवा करेगा। विपक्षी दल संसद के दोनों सदनों में राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा उठाएंगे।’ स्थिति गंभीर है। क्योंकि सरकार राजनीति में शामिल है, चीन, पाकिस्तान और अन्य सभी दुश्मन हम पर हमला कर रहे हैं और सरकार उन्हें गंभीरता से नहीं ले रही है। गुजरात में चुनाव जीतने का उत्साह चल रहा था, चीनी सैनिक तवांग में घुसपैठ कर रहे थे। यह यानी आपने इस देश की सुरक्षा का राजनीतिकरण कर जश्न मनाया है। अगर आप देखना चाहते हैं कि राजनीति किस स्तर तक पहुंच गई है तो तवांग की घटना देश के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है।’

यह पहली बार नहीं है जब चीन ने अरुणाचल प्रदेश में प्रवेश किया है। चीन ने हमेशा अरुणाचल प्रदेश को अपने नक्शे के हिस्से के रूप में दिखाया है। संजय राउत ने भारतीय रक्षा बल की भी आलोचना की। उन्होंने दावा किया कि सरकार को और सावधानी से काम करना चाहिए था, लेकिन ऐसा होता नहीं दिख रहा है।

Related Articles

Back to top button