दिल्ली ब्लास्ट पर कहा, हर कश्मीरी पर सवालिया निशान; डॉक्टरों से पूछिए उन्होंने वो रास्ता क्यों चुना
श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने शनिवार को श्रीनगर में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि ऑपरेशन सिंदूर से कोई ठोस नतीजा नहीं निकला और उम्मीद है कि इस तरह का अभियान अब दोबारा नहीं होगा। उन्होंने बताया कि इस ऑपरेशन में 18 लोगों की मौत हुई और सीमाओं पर गंभीर समझौते की स्थिति बनी।
दिल्ली धमाके को लेकर फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि हर घटना के बाद कश्मीरी लोगों पर सवाल उठाना ठीक नहीं है। उन्होंने कहा] “वो दिन कब आएगा जब हम पर उंगली उठाना बंद होगा और हमें खुलकर हिंदुस्तानी माना जाएगा? हम इस घटना के जिम्मेदार नहीं हैं।” उन्होंने सवाल उठाया कि डॉक्टरों ने आतंकी रास्ता क्यों चुना, इसके पीछे क्या सामाजिक या प्रशासनिक कारण रहे। इसकी गहन जांच जरूरी है।
नौगाम थाने में हुए विस्फोट पर पूर्व CM ने इसे प्रशासनिक चूक बताया। उन्होंने कहा कि विस्फोटक सामग्री को उन विशेषज्ञों की मदद से संभालना चाहिए था, जो इसे बेहतर तरीके से समझते हैं। लापरवाही का नतीजा यह हुआ कि 9 लोगों की जान चली गई और आसपास के कई घरों को भारी नुकसान पहुंचा।
यह विस्फोट फरीदाबाद से जब्त किए गए 360 किलो विस्फोटक का सैंपल लेते समय हुआ था, जिसमें 32 लोग घायल भी हुए। पुलिस और गृह मंत्रालय ने इसे हादसा बताया है। दिल्ली ब्लास्ट केस में अब तक 3 डॉक्टर गिरफ्तार किए जा चुके हैं और करीब 15 डॉक्टरों से पूछताछ जारी है। माना जा रहा है कि यह गिरोह लंबे समय से आतंकी गतिविधियों में शामिल था।
