Gariyaband big breaking-: सुखत की भरपाई ना करना दो समितियों को पड़ा महंगा,झरगॉव और ढोरर्रा समिति के खिलाफ अपराध पंजीबद्ध करने गोहरापदर शाखा के प्रबंधक ने देवभोग थाने में दिया आवेदन

रवि तिवारी@देवभोग। सुखत की भरपाई ना करना दो समितियों को महंगा पड़ गया। मामले में गोहरापदर शाखा प्रबंधक ने ढोरर्रा और झरगॉव समिति के खिलाफ अपराध पंजीबद्ध करने के लिए देवभोग थाने में आवेदन सौंपा हैं।
मामले की ज्यादा जानकारी देते हुए रायपुर प्रक्षेत्र के गरियाबंद जिले के जिला सहकारी मर्यादित बैंक के नोडल अधिकारी अविनाश शर्मा ने बताया कि गोहरापदर के जिला सहकारी बैंक के अंतर्गत आने वाले दो शाखा में धान का ज्यादा शार्टेज पाया गया हैं। जिसके खिलाफ अपराध पंजीबद्ध करने के लिए देवभोग थाने में आवेदन सौंपा गया हैं। शर्मा ने बताया की ढोरर्रा समिति में 1361.73 किवंटल धान का शॉर्टेज़ मिला हैं। जिसकी राशि लगभग 26 लाख 41 हजार 750 रुपये हैं, जबकि झरगॉव समिति में 1912.45 किवंटल धान का शॉर्टेज़ मिला हैं। यहां की राशि लगभग 37 लाख 10 हजार 153 रुपये हैं। नोडल ने बताया कि दोनों समिति के प्रबंधक,धान खरीदी प्रभारी,कंप्यूटर ऑपरेटर और चौकीदार को जांच दल ने शॉर्टेज़ के लिए दोषी पाया हैं। ऐसे में एसडीएम द्वारा गोहरापदर शाखा प्रबंधक को भेजे गए पत्र में इन सभी कर्मचारियों के खिलाफ अपराध पंजीबद्ध करने की बात कही गयी हैं। मामले में गोहरापदर शाखा प्रबंधक ने कहा कि जिले के खाद्य विभाग के साथ ही डीएमओ और सहायक पंजीयक और ब्लॉक स्तर के सम्बन्धित अधिकारियों ने जांच कर शॉर्टेज़ के लिए समिति के कर्मचारियों को दोषी पाया हैं। जिसके बाद एफआईआर दर्ज करवाने के लिए देवभोग थाने में आवेदन सौंपा गया हैं।
धान के शॉर्टेज़ के लिए ये कर्मचारी जिम्मेदार
वहीं देवभोग थाना प्रभारी बसंत बघेल ने बताया की ढोरर्रा और झरगॉव समिति के प्रबंधक,धान खरीदी प्रभारी,कंप्यूटर ऑपरेटर और चौकीदार के खिलाफ आवेदन दिया गया हैं। इन पर आरोप हैं कि समितियों में धान के शॉर्टेज़ के लिए ये कर्मचारी जिम्मेदार हैं। आवेदन की जानकारी वरिष्ठ अधिकारियों को देने के बाद वहां से मिले दिशा-निर्देशों के अनुरूप अग्रिम कार्रवाई की जाएगी।