मुख्यमंत्री आवास योजना का विस्तार: सपेरा और जोगी जातियों के ग्रामीणों को भी मिलेगा लाभ

लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने मुख्यमंत्री आवास योजना ग्रामीण का दायरा और बढ़ा दिया है। अब प्रदेश के सपेरा (सपेरिया) विमुक्त जाति और जोगी (अन्य पिछड़ा वर्ग) के ग्रामीण भी इस योजना के तहत निश्शुल्क आवास के लिए पात्र होंगे। उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने इन जातियों को प्राथमिकता श्रेणी में शामिल किया है। इसका उद्देश्य उन गरीब परिवारों को सुरक्षित, मजबूत और जीर्ण-शीर्ण घरों से मुक्त करना है जो आपदा, बेघरपन या कच्चे घरों में रह रहे हैं।
साथ ही, अति पिछड़े और कमजोर वर्गों के परिवारों को भी जीवन योजना के तहत प्राथमिकता दी गई है। जानकारी के अनुसार, मथुरा के 13 ग्राम पंचायतों, प्रयागराज और सहारनपुर जिले में सपेरा जाति के लोग रहते हैं। कानपुर देहात के मैथा विकासखण्ड में जोगी जाति के लगभग 200 परिवार हैं। चंदौली जिले में चेरो (अनुसूचित जाति) के 250 परिवार भी इस योजना में शामिल हुए हैं। इन सभी को अब मुख्यमंत्री आवास योजना ग्रामीण की प्राथमिक श्रेणी में रखा गया है।
इसके अलावा, प्रदेश सरकार ने निराश्रित विधवा महिलाओं की पात्रता आयु 40 से बढ़ाकर 50 वर्ष कर दी है। ग्राम्य विकास विभाग के अनुसार, अब तक 3.73 लाख लाभार्थियों को मकान आवंटित किए जा चुके हैं, और 3.55 लाख आवासों का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है।
विभागीय आंकड़ों के अनुसार, योजना के तहत मुसहर वर्ग को 50,037, दैवी आपदा प्रभावित लोगों को 93,300, कोल जाति के लोगों को 29,923, दिव्यांगजनों को 91,062 और निराश्रित विधवा महिलाओं को 41,854 मकान आवंटित किए जा चुके हैं। इस योजना से प्रदेश के गरीब, पिछड़े और कमजोर वर्गों के ग्रामीण परिवारों को स्थायी आवास मिलने की उम्मीद बढ़ी है।