भूतपूर्व सैनिकों और दिव्यांगजनों को स्टांप शुल्क में छूट, सरकार का बड़ा फैसला

लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने भूतपूर्व सैनिकों और दिव्यांगजनों को राहत देने के लिए महिलाओं की तरह स्टांप शुल्क में छूट का लाभ देने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को स्टांप एवं पंजीकरण विभाग की समीक्षा बैठक में यह निर्देश दिए। इसके साथ ही उन्होंने किराये के एग्रीमेंट पर लगने वाले शुल्क में भी छूट देने की घोषणा की।

मुख्यमंत्री ने कहा कि संपत्तियों की रजिस्ट्री में फर्जीवाड़े को रोकने के लिए आधार प्रमाणीकरण को अनिवार्य किया जाएगा। विकास प्राधिकरणों के आवंटियों के लिए सिंगल विंडो से ई-पंजीकरण की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। साथ ही 20 हजार रुपये से अधिक के निबंधन शुल्क के लिए ई-भुगतान अब सभी जिलों में अनिवार्य होगा।

बैठक में बताया गया कि 2002 से 2017 तक के पंजीकृत विलेखों का 99% डिजिटलाइजेशन पूरा किया जा चुका है और वर्तमान में 98% से अधिक निबंधन कार्य ई-स्टांप के माध्यम से हो रहे हैं। मुख्यमंत्री ने विभागीय अधिकारियों को रिक्त पदों पर शीघ्र नियुक्ति की प्रक्रिया पूरी करने का निर्देश दिया, जिससे कार्यकुशलता और सेवा की गुणवत्ता बढ़ सके।

योगी आदित्यनाथ ने कहा कि दस वर्ष तक की अवधि वाले लघु और मध्यम वर्ग के किराये नामों पर स्टांप शुल्क व पंजीकरण शुल्क में छूट दी जाएगी। विभाग अब 2 लाख रुपये सालाना रेंट पर 500 रुपये और 5 लाख रुपये रेंट पर 1000 रुपये स्टांप शुल्क लेकर एग्रीमेंट करने की योजना बना रहा है।

विभागीय मंत्री रविंद्र जायसवाल ने बताया कि भूतपूर्व सैनिकों और दिव्यांगजनों को पहले 20 लाख रुपये तक की संपत्ति पर ही छूट मिलती थी, लेकिन अब संपत्ति के मूल्य बढ़ने के कारण इस सीमा को बढ़ाया जाएगा। वहीं महिलाओं को पहले ही 1 करोड़ रुपये तक की संपत्ति पर स्टांप ड्यूटी में 1% की छूट दी जा चुकी है।

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