EPFO Pension Rules Change: पेंशन स्कीम में बड़ा बदलाव, 6 करोड़ लोगों को मिलेगा सीधा फायदा

नई दिल्ली। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने पेंशन स्कीम में बड़ा बदलाव किया है, जिससे करोड़ों सब्सक्राइबर्स को राहत मिलने वाली है. दरअसल रिटायरमेंट बॉडी फंड ने 6 महीने से कम समय में रिटायर होने वाले अपने सब्सक्राइबर्स को कर्मचारी पेंशन स्कीम (कर्मचारी पेंशन स्कीम 1995) EPS-95 के तहत जमा रकम निकालने की इजाजत दी है.
सीबीटी की अपील पर फैसला-
पीटीआई के मुताबिक, श्रम मंत्रालय की ओर से एक बयान जारी कर यह जानकारी साझा की गई है. बताया गया कि केंद्रीय न्यासी बोर्ड (सीबीटी) द्वारा सरकार को की गई सिफारिश में छह महीने से कम सेवा अवधि वाले सदस्यों को अपने ईपीएस खाते से निकासी की सुविधा भी शामिल है. देशभर में 6.5 करोड़ से ज्यादा ईपीएफओ सब्सक्राइबर्स हैं।
इसके साथ ही न्यासी मंडल ने 34 साल से अधिक समय से इस योजना का हिस्सा रहे सदस्यों को आनुपातिक पेंशन लाभ देने की भी सिफारिश की है. यह सुविधा सेवानिवृत्ति लाभ के निर्धारण के समय पेंशनभोगियों को अधिक पेंशन प्राप्त करने में मदद करेगी।
सदस्यों के पास अब यह अनुमति
गौरतलब है कि अभी तक कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के ग्राहकों को अपने कर्मचारी भविष्य निधि खाते में जमा राशि को ही निकालने की अनुमति दी गई है, जिनकी सेवा के 6 महीने से कम समय बचा हो। लेकिन रिटायरमेंट बॉडी फंड की ओर से लिए गए इस बड़े फैसले के बाद अब उन सब्सक्राइबर्स को बड़ी राहत मिलेगी, जिनकी कुल 6 महीने की सर्विस ही बची है.
भूपेंद्र यादव की अध्यक्षता में बैठक
सीबीटी द्वारा सोमवार को हुई 232वीं बैठक में सरकार से सिफारिश की गई थी कि ईपीएस-95 योजना में कुछ संशोधन कर सेवानिवृत्त होने वाले अंशदाताओं को पेंशन कोष में जमा राशि निकालने की अनुमति दी जाए. श्रम मंत्रालय के एक बयान में कहा गया कि केंद्रीय श्रम मंत्री भूपेंद्र यादव के अंशदाताओं को पेंशन कोष में जमा राशि निकालने की अनुमति दी जाए.
श्रम मंत्रालय के एक बयान में कहा गया है कि केंद्रीय श्रम मंत्री भूपेंद्र यादव की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में ईपीएस-95 के तहत जमा निकासी की सिफारिश पर फैसला लिया गया.
इस नीति को भी मिली मंजूरी-
रिपोर्ट के मुताबिक, श्रम मंत्रालय की तरफ से जानकारी दी गई है कि ईपीएफओ के बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज ने एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) यूनिट्स में निवेश के लिए रिडेम्पशन पॉलिसी को भी मंजूरी दे दी है। बोर्ड ने 2022-23 के लिए ब्याज दर की गणना के लिए आय में शामिल किए जाने वाले पूंजीगत लाभ की बुकिंग के लिए कैलेंडर वर्ष 2018 की अवधि के दौरान खरीदी गई ईटीएफ इकाइयों के मोचन को भी मंजूरी दी।
इसके अलावा वित्त वर्ष 2021-22 के लिए ईपीएफओ के कामकाज पर 69वीं वार्षिक रिपोर्ट को भी श्रम मंत्रालय ने मंजूरी दी थी, जिसे संसद में पेश किया जाएगा।