CG Breaking: हुक्का बार खोला तो होगी 3 वर्ष की सजा, हुक्का बार को अपराध बनाने वाले विधायिको को मिली राज्यपाल की मिली मंजूरी

रायपुर। राज्यपाल ने सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद, विज्ञापन का प्रतिषेध और व्यापार तथा वाणिज्य, प्रदाय और वितरण का विनियमन अधिनियम के बदले हुए प्रारूप पर हस्ताक्षर कर दिए। अब इस विधेयक को राष्ट्रपति के अनुमोदन के लिए भेजा जाएगा।
सिगरेट और अन्य तंबाखू उत्पाद (विज्ञापन का प्रतिषेध और व्यापार तथा वाणिज्य, उत्पादन, प्रदाय और वितरण का विनियमन) संशोधन विधेयक था। इस विधेयक के लागू होने के बाद हुक्काबार खोलना और चलाना दोनों अपराध होगा।
हुक्काबार संचालन पर तीन साल तक की सजा का प्राधवान रखा गया था, लेकिन सजा एक वर्ष से कम नहीं होगी। साथ ही संबंधित व्यक्ति पर 50 हजार रुपए तक का जुर्माना लगाया जाएगा, लेकिन जुर्माना 10 हजार रुपए से कम नहीं होगा।
बता दें कि इस कानून के जरिए सरकार ने पहली बार हुक्का बार और वहां धूम्रपान को गैर जमानती और संज्ञेय अपराध घोषित करने की कोशिश की है। इसका मतलब है कि इस केस में आरोपियों को थाने से जमानत नहीं मिलेगी। उनकी गिरफ्तारी के 24 घंटे के भीतर नजदीकी क्षेत्राधिकार वाले न्यायालय में पेश करना होगा। आरोपियों की जमानत पर सुनवाई संबंधित अदालत करेगी।
इन्हें कार्रवाई का अधिकार
पुलिस और आबकारी दोनों ही विभाग हुक्का बार के मामले में कार्रवाई कर सकते हैं। लेकिन यह उपनिरीक्षक स्तर से नीचे का अधिकारी नहीं कर सकेगा। अधिकारी जांच के दौरान हुक्का बार के लिए उपयोग की जा रही किसी भी सामग्री या वस्तु को जब्त कर सकेगा।