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बिलासपुर

Corona की तीसरी लहर का बच्चों पर असर, इस जिले में 100 से करीब बच्चे संक्रमित, इधर अपोलो अस्पताल के 31 डॉक्टर, स्टाफ समेत अन्य लोग संक्रमित

बिलासपुर। कोरोना की तीसरी लहर बच्चों के लिए भी खतरनाक साबित हो रही है। नवजात से लेकर 17 साल तक के बच्चे इस संक्रमण की चपेट में आ रहे हैं। जबकि 3 जनवरी से 15 साल से अधिक उम्र के बच्चों को वैक्सीन लगना शुरू हो चुका है। तीसरी लहर कोरोना वॉरियर्स को भी अपनी चपेट में ले रहा है। बिलासपुर अपोलो अस्पताल के 31 लोग संक्रमित मिले हैं। इनमें डॉक्टर और कर्मचारी समेत अन्य लोग शामिल हैं। शनिवार को अपोलो में रैपिड एंटीजन और TRUNET मिलाकर कुल 99 लोगों की जांच की गई। जिनमें 31 डॉक्टर, स्टॉफ समेत अन्य लोग संक्रमित मिले हैं। अब संक्रमितों की संपर्क में आए अन्य लोगों की भी जांच कराई जाएगी।

एक ही दिन में 40 बच्चों की रिपोर्ट पॉजिटिव

बीते 24 घंटे में 40 बच्चों की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई है। अब तक 100 के करीब बच्चे इस खतरनाक वायरस के चपेट में आ चुके हैं। इससे यह प्रतीत होता है कोरोना की तीसरी लहर बच्चों को भी अपनी चपेट में ले रहा है। संक्रमितों बच्चों की संख्या बढ़ने के साथ स्वास्थ्य विभाग भी तैयारियों में जुटी है। बच्चों के लिए चिल्ड्रन वार्ड को कोरोना वार्ड बनाया गया है। जहां उनका उपचार किया जा रहा है।

CIIMS में कोरोना विस्फोट, वायरोलॉजी लैब के चार स्टॉफ, कर्मचारियों की कमी से जांच प्रभावित, 1700 से अधिक सैंपल पेंडिंग

बच्चों के स्वास्थ्य पर ध्यान देने के निर्देश

CMHO के मुताबिक कंट्रोल रूम व निगरानी टीम को बच्चों के स्वास्थ्य पर ध्यान देने कहा गया है और संक्रमित बच्चों के परिजनों से सतत संपर्क बनाए रखने के निर्देश दिए गए हैं।

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CIIMS के वॉयरोलाजी लैब के 4 स्टाफ संक्रमित

CIIMS के वायरोलॉजी लैब के चार स्टॉफ कोरोना पॉजिटिव मिले हैं। इसके चलते RT-PCR जांच प्रभावित हो रही है। बिलासपुर के अलावा मुंगेली, गौरेला-पेंड्रा और मरवाही समेत बलौदाबाजार के कोरोना सैंपलों की जांच लैब में होती है। स्टाफ की कमी से 1700 से अधिक सैंपल पेंडिग है।  

लैब में करीब 25 स्टॉफ हैं, जो तीन शिफ्ट में काम कर रहे हैं। ऐसे में यहां स्टॉफ की कमी है और कार्यरत टेक्नीशियन पर काम का दबाव बढ़ गया है।  लिहाजा, सैंपल की जांच प्रभावित होने लगी है।

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