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Vande Bharat Train: 3 सालों में 400 वंदे भारत ट्रेन चलाने की योजना, जानिए इस मेक इन इंडिया ट्रेन की खासियत

नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने आगामी तीन सालों में 400 वंदे भारत ट्रेनों को चलाने की योजना बनाई है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने साल 2022-23 का आम बजट पेश करते हुए वंदे भारत ट्रेन को लेकर ऐलान किया. संसद में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, ”अगले 3 वर्षों के दौरान बेहतर दक्षता वाली 400 नई पीढ़ी की वंदे भारत ट्रेनें लाई जाएंगी. अगले 3 वर्षों के दौरान 100 गति शक्ति कार्गो टर्मिनल विकसित किए जाएंगे और मेट्रो सिस्टम के निर्माण के लिए नवीन तरीकों को लागू किया जाएगा.”

जानिए ट्रेन की खासियत (Know the specialty of the train)

1. ट्रेन का इंजन (train engine): वंदे भारत एक्सप्रेस या ट्रेन 18 भारत की पहली इंजन रहित ट्रेन है. अब तक, भारत की ट्रेनों में एक अलग इंजन कोच होता है जबकि ट्रेन 18 में बुलेट या मेट्रो ट्रेन जैसे एकीकृत इंजन हैं. जैसा की हम जानते हैं कि भारतीय रेलवे ने अंतर-नगर यात्रा के लिए एक स्व-चालित ट्रेन शुरू की है और वो ट्रेन 18 ही तो है. इसके कारण यात्रा का समय कम हो जाएगा क्योंकि नई तकनीक के कारण तेज गतिवृद्धि और अवत्वृरण आसानी से हो सकेगा. यह कहा जाता है कि वंदे भारत एक्सप्रेस नई दिल्ली से वाराणसी तक 8 घंटे में यात्रा को कवर करेगी, जो कि मौजूदा शताब्दी एक्सप्रेस 12 से 13 घंटे लेती है.

2. पूरी तरह से आटोमेटिक दरवाजे और एसी कोच (Fully automatic doors and AC coaches): ट्रेन में 16 पूरी तरह से वातानुकूलित चेयर कारों के कोच हैं जिनमें दो बैठने के विकल्प दिए गए हैं: इकॉनमी और एग्जीक्यूटिव क्लास. कमाल की विशेषता यह है कि एग्जीक्यूटिव क्लास में रिवॉल्विंग चेयर दी गई है जो 180 डिग्री तक मुड़ सकती है. वंदे भारत एक्सप्रेस में प्रदान की जाने वाली सबसे महत्वपूर्ण सुविधाओं में से एक यह है कि इसके दरवाजे मेट्रो की भांति ही आटोमेटिक खुलते हैं.

 3. ट्रेन में भोजन की सुविधा (food facility in train): सेमी-हाई स्पीड ट्रेन में भोजन टिकट की कीमत में ही शामिल किया गया है. यदि आप नई दिल्ली से वाराणसी की यात्रा कर रहे हैं तो आपको ट्रेन में नाश्ता और दोपहर का भोजन परोसा जाएगा और यदि आप वाराणसी से नई दिल्ली की यात्रा करेंगे तो आपको ट्रेन में चाय नाश्ते और रात के खाने के साथ भोजन को परोसा जाएगा.

4. ऑनबोर्ड वाई-फाई (onboard wi-fi): वंदे भारत एक्सप्रेस उपयोगकर्ताओं के लिए इंटरनेट की सेवाओं का उपयोग करने के लिए ऑनबोर्ड वाई-फाई की सुविधा प्रदान कर रही है. इसके अलावा, मोबाइल फोन या टैबलेट (mobile phone or tablet) पर कुछ पढ़ने के लिए इंटरनेट का उपयोग कर पाएंगे.

5. जीपीएस आधारित उन्नत प्रणाली (GPS based advanced system): ट्रेन में जीपीएस आधारित उन्नत यात्री सूचना प्रणाली भी है जो आपको आने वाले स्टेशनों और सूचनाओं के बारे में अपडेट करेगी.

 6. ट्रेन की गति (train speed): यह शताब्दी एक्सप्रेस की तुलना में 180 किलोमीटर प्रति घंटा की गति से दौड़ने में सक्षम है, लेकिन वर्तमान ट्रैक 130 किमी प्रति घंटे से अधिक गति के सहायक नहीं हैं. यहीं आपको बता दें कि 180 किमी प्रति घण्टे की स्पीड से चलने के कारण ही इस ट्रेन का नाम ट्रेन 18 रखा गया है.

7. जैव-वैक्यूम शौचालय (bio-vacuum toilet): ट्रेन में स्वच्छता की समस्या को हल करने के लिए जैव-वैक्यूम शौचालय बनाए गए हैं. भारतीय और पश्चिमी शैली (Indian and Western style) के वाशरूम दोनों के लिए इसे उपयोग किया जाएगा. बिलकुल वैसे ही जैसे कि हवाई जहाज में इस्तेमाल किए जाते हैं. इसके अलावा, उपयोगकर्ताओं को बिना किसी चिंता के स्वच्छता का अनुभव करने के लिए टच-फ्री बाथरूम फिटिंग भी दी गई है.

8. ट्रेन में स्मार्ट सिक्यूरिटी (smart security in train): ट्रेन के सभी 16 डिब्बों में यात्रियों की पूरी सुरक्षा के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं. ट्रेन के आटोमेटिक दरवाजे केवल तभी खुलेंगे जब ट्रेन पूरी तरह से रुक जाएगी. ट्रेन तभी चलना शुरू करती है जब दरवाजे पूरी तरह से बंद हो जाते हैं.

9. ट्रेन में विकलांगों के लिए अनुकूल स्थान उपलब्ध कराया गया है (Handicapped friendly space has been provided in the train): वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन के कुछ डिब्बों में व्हीलचेयर पार्क करने के लिए स्थान होंगे, ताकि विकलांगों को किसी भी प्रकार की परेशानियों का सामना न करना पड़े और इसे अक्षम-अनुकूल (disabled friendly) बनाया जा सके.

10. ट्रेन का निर्माण और लागत (Train construction and cost): इसे चेन्नई की इंट्रीगल कोच फैक्ट्री में निर्मित किया गया है और इसकी लागत 100 करोड़ रुपय आई है. ‘मेक इन इंडिया’ (‘Make in India’) की ट्रेन वंदे भारत एक्सप्रेस (Vande Bharat Express) को चेन्नई में 18 महीने में ही निर्मित किया गया है. हलाकि ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि अगली ट्रेन के निर्माण में इससे भी कम लागत आएगी. यह भी माना जा रहा है कि अभी तक भारत जो यूरोप से कोई भी ट्रेन का आयात करता था उसमें से 40% का ही खर्च इस ट्रेन को बनाने में आया है.

कुछ अन्य विशेषताएं इस प्रकार हैं..( Some other features are as follows)

– ट्रेन को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि यात्री ड्राइवर के केबिन की झलक देख सकें.

– सामान को रखने के लिए प्रत्येक कोच में मॉड्यूलर रैक दिए गए हैं और गातिमान एक्सप्रेस जैसी अन्य ट्रेनों की तुलना में अधिक विशाल भी हैं.

– ट्रेन के पैंट्री में भोजन और पेय पदार्थों को गर्म करने और ठंडा करने के लिए बेहतर गुणवत्ता के उपकरण भी दिए गए हैं.

– मोबाइल या लैपटॉप को आसानी से चार्ज करने के लिए कोच की हर सीट पर सॉकेट उपलब्ध कराए गए हैं. इन सॉकेट्स को सुविधाजनक स्थिति में सीट के नीचे फिट किया गया है.

– यहां तक कि, डिब्बों के बीच के गैप को पूरी तरह से सील कर दिया गया है. यह बाहरी शोर को कम करने में मदद करेगा.

– ट्रेन के कोच में टच कंट्रोल के साथ रीडिंग लाइट दी गई है.

– कंप्यूटराइज्ड एयरोडायनामिक ड्राइवर का केबिन है.

– विसरित एलईडी प्रकाश की व्यवस्था है.

– ऑटो-सेंसर टैप भी दिए गए हैं.

तो, हम कह सकते हैं कि वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन पूरी तरह से भारतीय निर्मित नई तकनीक से चलने वाली ट्रेन है जिसमें आजकल की जरूरतों के हिसाब से सुविधाओ का विशेष तौर पर ध्यान दिया गया है.

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