ED ने कांग्रेस प्रदेश कार्यालय पहुंचकर मलकीत सिंह को दी चालान की कॉपी

रायपुर, 08 सितंबर 2025: छत्तीसगढ़ शराब घोटाला मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) के अधिकारी सोमवार को कांग्रेस के प्रदेश कार्यालय राजीव भवन पहुंचे और संगठन के प्रभारी महामंत्री मलकीत सिंह गैदु को केस से संबंधित चालान की कॉपी सौंपकर लगभग 10 मिनट में कार्यालय से बाहर चले गए।
मलकीत सिंह गैदु ने बताया कि सुकमा में कांग्रेस भवन के मामले में दिल्ली ट्रिब्यूनल से नोटिस मिलने के बाद 2 सितंबर को जवाब देना था, लेकिन कांग्रेस की लीगल टीम ने कहा कि उनके पास दस्तावेज नहीं हैं। इसके बाद ED ने चालान की कॉपी उपलब्ध कराई, जिससे अब पार्टी सभी सवालों का जवाब दे सकेगी। ED के अनुसार, 28 दिसंबर 2024 को जांच टीम ने पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा, उनके बेटे हरीश कवासी और अन्य के घरों पर छापा मारा था। रायपुर और सुकमा में तलाशी के दौरान कई दस्तावेज जब्त किए गए। जांच में पता चला कि शराब घोटाले की कमाई से सुकमा का कांग्रेस भवन बनाया गया।
ED के आरोप के अनुसार, कवासी लखमा को हर महीने 2 करोड़ रुपए मिलते थे, जो 36 महीने में कुल 72 करोड़ बने। इनमें से 68 लाख रुपए से सुकमा में कांग्रेस भवन तैयार किया गया। इसके अलावा, लखमा के बंगले और अन्य संपत्तियों को भी अटैच किया गया है। ED ने बताया कि कवासी लखमा शराब घोटाला सिंडिकेट के अहम हिस्सा थे और उनकी देखरेख में शराब नीति में बदलाव कर FL-10 लाइसेंस की शुरुआत की गई। सिंडिकेट के माध्यम से 3,200 करोड़ रुपए से अधिक की अवैध कमाई हुई।
अटैचमेंट का अर्थ है कि संपत्ति को अस्थायी रूप से जब्त किया जाता है, जिसका इस्तेमाल तो किया जा सकता है, लेकिन इसे बेचना या ट्रांसफर करना मना है। यह कानूनी प्रक्रिया भ्रष्टाचार या ऋण से संबंधित मामलों में संपत्ति की सुरक्षा सुनिश्चित करती है। छत्तीसगढ़ शराब घोटाला मामले में ED की FIR में 2,000 करोड़ रुपए से अधिक के घोटाले का उल्लेख है। जांच में तत्कालीन सरकार के अधिकारियों और कारोबारी सिंडिकेट के माध्यम से घोटाले को अंजाम देने का आरोप लगाया गया है।