ED ने 10 साल में 193 नेताओं पर केस दर्ज

दिल्ली। केंद्र सरकार ने संसद में जानकारी दी कि पिछले 10 सालों में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 193 नेताओं पर मनी लॉन्ड्रिंग के मामले दर्ज किए, लेकिन उनमें से केवल 2 मामलों में आरोप साबित हो सके। वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने यह जानकारी राज्यसभा में दी। उन्होंने बताया कि ED के मामलों में दोष साबित होने की दर बेहद कम रही है, हालांकि इस दौरान किसी को भी निर्दोष करार नहीं दिया गया।
ED द्वारा दर्ज किए गए मामलों में 2016-17 और 2019-20 के दो मामलों में आरोप साबित हुए। राज्यसभा में माकपा सांसद एए रहीम ने ED के मामलों की सफलता दर पर सवाल उठाया था। पंकज चौधरी ने जवाब देते हुए कहा कि ED की जांच केवल विश्वसनीय साक्ष्यों के आधार पर होती है और इसकी कार्रवाई हमेशा न्यायिक समीक्षा के लिए खुली रहती है। सुप्रीम कोर्ट ने भी मनी लॉन्ड्रिंग मामलों में ED की कार्रवाई पर कई बार सख्त टिप्पणी की है। नवंबर 2023 में कोर्ट ने तृणमूल विधायक पार्थ चटर्जी के जमानत मामले में कहा कि ED की आरोप साबित करने की दर खराब है। अगस्त 2024 में एक अन्य सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि 5000 मामलों में से सिर्फ 40 में आरोप सिद्ध हुए हैं।
देश के 45% विधायकों पर आपराधिक मामले
चुनाव सुधार पर काम करने वाले NGO, एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) की रिपोर्ट में सामने आया है कि देश के 45% विधायकों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं। रिपोर्ट के अनुसार, 1861 विधायकों ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले होने की जानकारी दी है, जिनमें से कई पर हत्या, किडनैपिंग, और महिलाओं के खिलाफ अपराध जैसे गंभीर आरोप हैं। रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि 127 विधायकों पर महिलाओं से जुड़े अपराध के मामले दर्ज हैं। इनमें 13 पर बलात्कार का आरोप है, जो IPC की धारा 376 और 376(2)(n) के तहत आते हैं।