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काबुल से दिल्ली तक डोली धरती, भूकंप से 9 की मौत

दिल्ली। अफगानिस्तान में देर रात आए भूकंप ने भारी तबाही मचाई। दक्षिण-पूर्वी हिस्से में आए इस भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 6.0 दर्ज की गई। झटके इतने तेज थे कि कई घर मलबे में तब्दील हो गए। नांगरहार प्रांत में अब तक 9 लोगों की मौत और 15 लोगों के घायल होने की पुष्टि हुई है। सभी घायलों का इलाज अस्पताल में चल रहा है।

संयुक्त राज्य भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (USGS) के अनुसार, भूकंप का केंद्र जलालाबाद से 27 किलोमीटर उत्तर-पूर्व में, जमीन से लगभग 8 किलोमीटर नीचे था। यह भूकंप रविवार और सोमवार की आधी रात 12:47 बजे आया। इसकी तीव्रता का असर सिर्फ अफगानिस्तान तक सीमित नहीं रहा बल्कि पाकिस्तान और भारत के दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में भी महसूस किया गया। दिल्ली-एनसीआर में आधी रात को धरती हिलने से लोग घबराकर घरों से बाहर निकल आए। हालांकि यहां झटके हल्के थे और किसी तरह की जानमाल की हानि नहीं हुई। लेकिन अफगानिस्तान में स्थिति बेहद गंभीर रही, जहां कई मकान जमींदोज हो गए।

विशेषज्ञों का कहना है कि हिंदूकुश पर्वतीय क्षेत्र टैक्टॉनिक गतिविधियों के लिहाज से बेहद सक्रिय है। भारतीय प्लेट और यूरोशियन प्लेट के लगातार खिसकने से इस क्षेत्र में भूकंप अक्सर आते रहते हैं। इससे पहले 2 अगस्त को भी यहां 5.5 तीव्रता का भूकंप दर्ज किया गया था। वहीं 6 अगस्त को 4.2 तीव्रता के झटके महसूस किए गए थे। इस बार के भूकंप ने एक बार फिर दिखा दिया है कि अफगानिस्तान जैसे पहाड़ी और संवेदनशील क्षेत्र में आपदा प्रबंधन को मजबूत करना बेहद जरूरी है।

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