
अनिल गुप्ता@दुर्ग। नशीली दवाओं के खिलाफ दुर्ग पुलिस को एक बड़ी कामयाबी हासिल हुई है। पकड़े गये दोनों आरोपी, सगे भाई है। जो कि बड़े पैमाने पर प्रतिबंधित नशीली दवाओं को बेचने के फिराक में थे। लेकिन दुर्ग पुलिस को जैसे ही इनकी जानकारी मिली, पुलिस ने इन्हें घेराबंदी कर गिरफ्तार कर लिया।
हारेगा नशा, जीतेगा दुर्ग अभियान के तहत दुर्ग की सिटी कोतवाली कि पुलिस टीम को जैसे ही इस बात की जानकारी लगी कि दो युवक तमेरपारा में बड़े से बैग में नशीली दवाओं को रखकर उसका सौदा करने जा रहे हैं। वैसे ही पुलिस टीम ने मौके पर पहुँचकर इन दोनों को हिरासत में ले लिया। और जब इनकी तलाशी ली गई। तब इनके पास से प्रतिबंधित टेबलेट और सिरप को बरामद किया गया। विभिन्न प्रकार की नशीली दवाओं में अल्फाजोम , नाइट्रोवेट, ड्रामाडोल, लाइकारेक्स और जरेक्स जैसी प्रतिबंधित टेबलेट ,सिरप है। जिनकी कीमत करीब 30 हजार रुपये आंकी गई है। दुर्ग एसपी अभिषेक पल्लव का कहना है, कि शहर के युवाओं को नशे की लत लगाने के लिए इस तरह के अवैध कारोबार करने वालो के विरुद्ध दुर्ग पुलिस लगातार सख्ती से कार्यवाही कर रही है। कुछ दवा कारोबारी और डिस्ट्रीब्यूटर के सहयोग से इस तरह का कारोबार संचालित हो रहा है। लेकिन उनकी संलिप्तता यदि उजागर होती है। तो निश्चित रूप से उनके विरुद्ध एनडीपीएस एक्ट के तहत कार्यवाही भी होगी और दुकानों को सील भी कराने की प्रक्रिया की जायेगी।
कोविड के समय से इस अवैध कारोबार में शामिल थे
पकड़े गये दोनों आरोपी अभिषेक और अमन कसार सगे भाई है। जो कि कोविड के समय से इस अवैध कारोबार में शामिल थे। और शहर के युवाओं को नशेड़ी बना रहे थे। आरोपियों के पास से करीब 3 हजार नशीली टेबलेट और सौ सिरप बरामद हुआ है।