
नितिन@रायगढ़। वर्तमान विधायक और वित्त मंत्री ओपी चौधरी के ड्रीम प्रोजेक्ट नालंदा परिसर के लाइब्रेरी निर्माण के लिए शहर में तय किए गए जगह से आज अल सुबह बेदखली की कार्रवाई शुरू कर दी है। मिली जानकारी के अनुसार आज सुबह से ही स्थानीय प्रशासन और निगम के तोडू अमले ने भारी पुलिस बल की मौजूदगी में कोष्टापारा मरीन ड्राइव से लगे चार से पांच स्थाई निर्माण वाले मकानों पर तोड़फोड़ कार्यवाही शुरू कर दी। सुबह 5 बजे से शुरू हुई यह कार्यवाही अभी भी जारी है, जिसमें निगम के तोडू दस्ते के साथ भारी संख्या में पुलिस बल मौके पर मौजूद है।
बताया जा रहा है कि वित्त मंत्री रायगढ़ विधायक के ड्रीम प्रोजेक्ट नालंदा परिसर के सपने को पूरा करने के लिये मकानों को थोड़े के लिये सुबह से तोड़ू अमला मौके पर पहुंच गया था। तोड़फोड़ का शिकार पीड़ित रामदीन देवांगन ने बताया कि नया कोष्टापारा मरीन ड्राइव में बीते 50 सालों से रहने वाले हम पांच परिवारों को धनतेरस के दिन सुबह बेदखली का नोटिस दिया गया था। जिससे उनकी पूरी दीपावली खराब हो गई। तब से बेघर होने के दहशत में जी रहे पांचों परिवार के लोगों ने दीपावली नहीं मनाई। हम अपना घर बचाने के लिए न्यायालय की शरण में गए। लेकिन वहां भी हमें तारीखों के अलावा उन्हें कोई विशेष सहायता नहीं मिली। आज हम सभी को पूरा भरोसा था कि सुबह 11.30 बजे न्यायालय से उन्हें स्टे आर्डर मिल जायेगा। इस कारण प्रशासन ने विधायक ओ पी चौधरी के इशारे पर चोरी से भोर में आकर बल पूर्वक तोड़ फोड़ शुरू कर दी। वो भी बिना हमारे लिए कोई वैकल्पिक व्यवस्था किए। जबकि शहर के आबादी नजूल भूमि पर उन जैसे एक-दो नहीं बल्कि अनगिनत गरीब और मजबूर लोगों का घर बना हुआ है।
फिर घर तोड़ने के लिये सिर्फ पांच लोगों को ही नोटिस क्यों दिया गया ? क्या इतने मकान हटने पर जमीन पर्याप्त हो जाएगी?
इधर सुबह लोगों की आंखे खुलने से पहले की गई तोड़फोड़ की कार्रवाई से लोगों में भारी हलचल देखा जा रहा है। तोडू अमले के द्वारा बेदखल कर सड़क पर आए पीड़ित परिवार के लोगों में से एक दुखी महिला श्रीमती तारा देवांगन ने उक्त एक पक्षीय कार्यवाही को लेकर वर्तमान विधायक ओ पी चौधरी को आपत्तिजनक शब्दों के साथ जमकर भला बुरा कहा।
इधर हमने तोड़ फोड़ की इस कार्यवाही के विषय में यहां मौजूद प्रशासन के अधिकारियों से बाद करनी चाही तो उन्होंने कुछ भी कहने से इंकार कर दिया।