रायपुर। खनिज न्यास (DMF) फंड में हुए कथित घोटाले की जांच तेज हो गई है। बुधवार को आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) की टीमों ने चार शहरों में 14 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की। कार्रवाई रायपुर, दुर्ग, राजनांदगांव और धमतरी में की गई, जिसमें आधा दर्जन कारोबारियों के घर और कार्यालय शामिल रहे।
सुबह से देर रात तक चली इस कार्रवाई के दौरान एजेंसी को कई महत्वपूर्ण दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण मिले हैं। ईओडब्ल्यू ने गुरुवार को सभी कारोबारियों को पूछताछ के लिए समन जारी किया है। उनसे जब्त दस्तावेजों और डिजिटल डेटा के बारे में जानकारी ली जाएगी।
छापेमारी के दौरान रायपुर के वॉलफोर्ट एन्क्लेव में अशोक कुमार और अमित कोठारी के घरों पर कार्रवाई हुई। राजनांदगांव में ललित भंसाली, संतोष अग्रवाल और यश नाहटा, वहीं धमतरी के सिर्री गांव में कारोबारी अभिषेक त्रिपाठी के ठिकानों पर जांच की गई।
दुर्ग में मेघ गंगा ग्रुप के डायरेक्टर मनीष पारख के घर से भी दस्तावेज जब्त किए गए, हालांकि किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई। ईओडब्ल्यू अधिकारियों के अनुसार, फिलहाल सभी से प्रारंभिक पूछताछ की जा रही है।
सूत्रों का कहना है कि इन कारोबारियों का संबंध आईएएस रानू साहू से बताया जा रहा है। अधिकांश को कोरबा डीएमएफ फंड से ठेके दिए गए थे, जिनमें अनियमितताओं के प्रमाण मिलने की संभावना है। एजेंसी इस बात की जांच कर रही है कि फंड के आवंटन और खर्च में किस स्तर पर हेराफेरी की गई।
ईओडब्ल्यू का कहना है कि दस्तावेजों की प्राथमिक जांच के बाद आरोपियों के खिलाफ आगे की कार्रवाई तय की जाएगी। इस मामले में आने वाले दिनों में कुछ बड़ी गिरफ्तारियाँ संभव हैं।
