छत्तीसगढ़

डीएमएफ घोटाला : ED ने कोर्ट में पेश किया 8021 पन्नों का चालान, 90 करोड़ से अधिक की हुई थी धोखाधड़ी


रायपुर। छत्तीसगढ़ में डीएमएफ (डिस्ट्रिक्ट मिनरल फाउंडेशन) घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने एक बड़ा कदम उठाते हुए 8,021 पन्नों का चालान पेश किया है। इसमें 90 करोड़ 48 लाख रुपये से अधिक की राशि के दुरुपयोग का खुलासा हुआ है। चालान में 16 आरोपियों के खिलाफ साक्ष्य प्रस्तुत किए गए हैं, जिनमें निलंबित आईएएस अधिकारी रानू साहू और माया वारियर सहित अन्य सरकारी अधिकारी और कर्मचारी शामिल हैं। ईडी की जांच में पाया गया कि कोरबा जिले में डीएमएफ के फंड से टेंडर आवंटन में 40% तक की रिश्वत ली गई। बता दे कप्राइवेट कंपनियों के टेंडर पर 15-20% कमीशन वसूला गया।

रानू साहू और अन्य अधिकारियों ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए सरकारी धन को निजी लाभ के लिए इस्तेमाल किया। जांच में पता चला कि फंड का बड़ा हिस्सा बेमानी तरीके से वितरित किया गया।ईडी ने 169 पन्नों में इस मामले में विस्तृत अभियोजन शिकायत दर्ज की है। इसमें आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की गई है।

इस मामले में आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने आईपीसी की धारा 120बी (आपराधिक साजिश) और 420 (धोखाधड़ी) के तहत एफआईआर दर्ज की है। ईडी की जांच रिपोर्ट में यह स्पष्ट हुआ है कि अधिकारियों ने टेंडर प्रक्रिया में हेरफेर कर और फंड का दुरुपयोग करके निजी लाभ अर्जित किया। यह मामला राज्य में प्रशासनिक भ्रष्टाचार और खनन फंड के दुरुपयोग का बड़ा उदाहरण है। अदालत में पेश किए गए सबूतों और आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई पर अब न्यायालय का निर्णय अहम होगा।

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