Jannah Theme License is not validated, Go to the theme options page to validate the license, You need a single license for each domain name.
छत्तीसगढ़

जनपद सदस्य का आरोप… मुरलीगुड़ा में 60 एकड़ में अतिक्रमणकारियों ने सरकारी जमीन पर किया है कब्जा, जिम्मेदारों की कार्यप्रणाली पर खड़ा हुआ सवाल

रवि तिवारी@देवभोग. मुंगिया पंचायत के आश्रित ग्राम मुरलीगुड़ा में करीब 40 अतिक्रमणकारियों ने शासकीय जमीन पर कब्जा जमा लिया है.. वहीं शासकीय जमीन पर कब्जा होने के चलते शासन की योजना का लाभ ग्रामीणों को नहीं मिल रहा है.. यहां बताना लाजमी होगा कि एक साल पहले मुंगिया पंचायत में गौठान की स्वीकृति मिली थी… गौठान स्वीकृत होने के बाद आज साल भर बीत गया.. लेकिन शासकीय जमीन पर कब्जा होने के चलते गौठान का काम शुरू नहीं हो पाया… मामले में जनपद सदस्य मीना वैष्णव ने भी साल भर पहले तहसीलदार को आवेदन सौंपकर बताया था कि मुरलीगुड़ा के शासकीय भूमि नंबर 53 रकबा 0.88 हेक्टेयर भूमि पर गौठान बनाये जाने के लिए प्रस्ताव ग्राम पंचायत द्वारा पारित किया गया था.. मीना ने तहसीलदार को दिए गए आवेदन में जिक्र किया था कि अतिक्रमणकारी सरकारी जगह को छोड़ने को तैयार नहीं है.. ऐसे में गौठान का काम शुरू नहीं हो पाया है… मीना ने तत्कालीन तहसीलदार को दिए गए आवेदन में जिक्र किया था कि मुरलीगुड़ा में 60 एकड़ की सरकारी जमीन पर गॉव के 40 से ज्यादा लोगों ने कब्जा जमा लिया है.. उस पर भी उन्होंने कार्रवाई की मांग की थी… लेकिन आज साल भर बीतने के बाद भी स्थानीय प्रशासन अतिक्रमण नहीं हटा पाया है..

साल भर पहले किये गए आवेदन पर अब तक नहीं हो पाया कार्रवाई -: जनपद सदस्य मीना वैष्णव ने बताया कि उन्होंने 23 सितम्बर 2021 को एसडीएम के नाम एक ज्ञापन सौंपा था.. ज्ञापन में जनपद सदस्य ने जिक्र किया था कि मुरलीगुड़ा में शासकीय भूमि पर अतिक्रमणकारियों का कब्जा लम्बे समय से है.. जनपद सदस्य ने उस दौरान एसडीएम को यह भी बताया था कि शासकीय जमीन पर कब्जा होने के चलते शासन से स्वीकृत होने के बाद भी जमीन के अभाव में गौठान या अन्य कार्य नहीं हो पा रहा है.. उन्होंने एसडीएम को सौंपे गए आवेदन में यह भी जिक्र किया था कि दो महीने पहले तहसीलदार को आवेदन सौंपा गया था.. लेकिन दो माह बीतने के बाद भी आज तक आवेदन में कोई कार्रवाई नहीं की गई.. ऐसे में उन्होंने अतिक्रमण हटाने के लिए एसडीएम से कार्रवाई करने की गुहार लगाई थी… जनपद सदस्य के मुताबिक एसडीएम को आवेदन सौंपे जाने के बाद जाँच के लिए मौक़े पर तत्कालीन तहसीलदार और पटवारी भी पहुँचे थे.. लेकिन जाँच कर लौटने के कई महीने बाद भी यह पता चल ना सका कि विभाग ने अतिक्रमणकारियों पर क्या कार्रवाई किया है..ऐसे में अब अतिक्रमणकारियों का हौसला बुलंद हो गया है…

मामले में प्रभारी तहसीलदार जयंत पाटले ने कहा कि मैंने अभी कुछ दिन पहले प्रभार लिया है.. मामले की पूरी जानकारी लेता हूँ.. इसके बाद जल्द ही इसमें उचित कार्रवाई करूंगा…

मामले में सीईओ मनहर लाल मंडावी ने कहा कि पंचायत की शासकीय जमीन में अतिक्रमण कर लिया गया है.. जगह नहीं होने के चलते गौठान का काम शुरू नहीं हो पाया है.. मैंने पूर्व में भी राजस्व विभाग को पत्र लिखकर शासकीय जमीन से अतिक्रमण हटाने को कहा था.. एक बार फिर से विभाग को स्मरण पत्र लिखा जायेगा.. सीईओ ने कहा कि बहुत जल्द राजस्व विभाग और हमारी टीम मौक़े पर पहुँचकर कब्जा हटवाने का काम करेगी.. जमीन मिलते ही गौठान का काम भी शुरू कर दिया जायेगा..

वहीं पंचायत सचिव बुद्धिराम सोनी ने कहा कि साल भर पहले गौठान स्वीकृत हुआ है.. लेकिन पंचायत के सारे सरकारी जमीन पर कुछ लोगों ने कब्जा कर लिया है.. वे अब हटने को भी तैयार नहीं है.. ऐसे में गौठान को निरस्त किये जाने का प्रस्ताव मैंने जनपद सीईओ को सौंप दिया है…

Related Articles

Back to top button