Chhattisgarh

सीएम साय की अध्यक्षता में विकसित बस्तर पर हुई परिचर्चा, कृषि को बताया सबसे सशक्त माध्यम

रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में आज जगदलपुर में “विकसित बस्तर की ओर” विषय पर एक उच्चस्तरीय परिचर्चा का आयोजन हुआ। इस मौके पर बस्तर क्षेत्र के समग्र विकास को लेकर कृषि विभाग द्वारा तैयार की गई विस्तृत रोडमैप प्रस्तुति दी गई।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों और कलेक्टरों को निर्देशित किया कि वे सीमांत और छोटे किसानों की पहचान कर उन्हें सशक्त बनाने के लिए विशेष प्रयास करें। उन्होंने कहा कि यदि स्थानीय जनजातियां अपनी रुचि और पारंपरिक ज्ञान के आधार पर खेती करें, तो परिणाम अत्यंत प्रभावी होंगे।

सीएम साय ने इन बिंदुओं को किया साझा

  • बस्तर को विकास की मुख्यधारा में लाने के लिए कृषि को प्राथमिकता देना अनिवार्य है।
  • मक्के की खेती के लिए बस्तर की जलवायु बेहद उपयुक्त है। कम लागत, अधिक लाभ और व्यापक उत्पादन क्षमता इसे बस्तर के किसानों के लिए आदर्श विकल्प बनाती है।
  • मिलेट्स की खेती में भी असीम संभावनाएं हैं, जिस पर विशेष फोकस किया जाएगा।
  • मत्स्य पालन, बकरी पालन और शूकर पालन जैसे क्षेत्रों में भी बजट में अतिरिक्त प्रावधान किए गए हैं ताकि किसान अपनी आय के नए स्रोत विकसित कर सकें।

विकास की मुख्य धारा में बस्तर को जोड़ने के लिए नई औद्यौगिक नीति में आत्मसमर्पित नक्सलियों को रोजगार देने के लिए रोजगार सब्सिडी का प्रावधान है जिसमे 5 वर्षों तक शुद्ध वेतन का 40 प्रतिशत का प्रावधान है। अनुसूचित जाति/जनजाति और नक्सलवाद प्रभावित लोगों के लिए 10% अतिरिक्त सब्सिडी का प्रावधान है। युवाओं के लिए प्रशिक्षण व्यय प्रतिपूर्ति तथा मार्जिन मनी सब्सिडी का प्रावधान है जिसमे अनुसूचित जाति/जनजाति और नक्सलवाद प्रभावित व्यक्तियों द्वारा स्थापित नए MSME के लिए 25% तक कि सब्सिडी है।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अगुवाई में विकसित बस्तर की ओर का रोडमैप  तैयार करने के लिए भूमि बैंक प्रबंधन को मजबूत करना और व्यापार को आसान बनाना शामिल है। स्थानीय उद्योगों (वस्त्र, खाद्य प्रसंस्करण, हस्तशिल्प) के लिए प्रशिक्षण केंद्रों की स्थापना, विशेष रूप से जनजातीय युवाओं और महिला उद्यमिता पर फोकस किया जा रहा है।  इस्पात, धातु प्रसंस्करण, कृषि, वनोपज आधारित उद्योग और हर्बल-औषधीय उत्पादों के लिए क्लस्टर की स्थापना की जा रही है। ग्रामीण और जनजातीय क्षेत्रों में सभी मौसमों के लिए उपयुक्त सड़कों का निर्माण और राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नेटवर्क के साथ एकीकरण का काम हो रहा है।  स्टार्टअप्स के लिए समर्थन हेतु नवाचार और उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए विशेष योजनाएँ संचालित की जा रही है।

इस मौके पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि
आने वाले समय में पूरी तरह से शांति कायम हो जाएगी और नक्सलवाद का पूरी तरह से खत्म हो जाएगा। उन्होंने कहा कि हमें बस्तर के लोगों को आर्थिक रूप से मजबूत करना होगा ताकि विकसित बस्तर की ओर हम बढ़ सकें। यहां उद्योग के लिए उचित वातावरण है और हमने उद्योगों लिए नई औद्यौगिक नीति में विशेष प्रावधान भी किए है।

सीएम साय ने कहा कि बस्तर संभाग में औद्योगिक विकास के साथ-साथ स्थानीय युवाओं, महिलाओं और नक्सलवाद प्रभावित लोगों के लिए रोजगार और स्वरोजगार के अवसर सृजित करना हमारी प्राथमिकता है। यह नीति बस्तर को औद्योगिक और आर्थिक समृद्धि की नई ऊँचाइयों पर ले जाएगी। उन्होंने कहा कि वन संसाधनों का ज्यादा से ज्यादा उपयोग करके हम स्थानीय लोगों को समृद्ध बना सकते है और हमारी सरकार महुआ आधारित उद्योग पर भी विशेष ध्यान देगी।

जगदलपुर में आयोजित बस्तर की ओर परिचर्चा में उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा, वन मंत्री केदार कश्यप, सांसद महेश कश्यप, विधायक किरण सिंह देव, विनायक गोयल, प्रमुख सचिव सुबोध कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव राहुल भगत, संबंधित विभागों के सचिव, बस्तर संभाग के सभी जिलों के कलेक्टर, चैंबर ऑफ कॉमर्स के सदस्य,  बस्तर संभाग में स्थापित उद्योगों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।

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