
अनिल गुप्ता@दुर्ग। महादेव एप और रेड्डी अन्ना जैसे ऑनलाइन सट्टे से जुड़े 16 सटोरियों को दिल्ली के साकेत से गिरफ्तार करने के बाद दुर्ग पुलिस ने आज इस दोनों पैनलों का खुलासा किया है। गिरफ्तार किये गये आरोपियों में एक पंजाब के अमृतसर का रहने वाला युवक भी शामिल हैं। और सभी दिल्ली में रहकर सट्टे का कारोबार संचालित कर रहे थे। 27 से अधिक बैंकों से करीब 100 करोड़ रुपयों के लेनदेन का हिसाब किताब का भी खुलासा हुआ है।
ऑनलाइन सट्टे के खिलाफ दुर्ग पुलिस की कार्यवाही लगातार जारी है। और यही कारण है, कि अब तक 7 ब्रांच को दुर्ग पुलिस ध्वस्त करने मे कामयाब हो सकी है। इस नये मामले में, दो ब्रांच दिल्ली के साकेत इलाके के एक किराये के मकान में संचालित किए जा रहे थे। जिसमें दुर्ग भिलाई राजनांदगांव के 15 बेरोजगार युवक शामिल थे। वही एक युवक महावीर सिंग अमृतसर पंजाब का भी शामिल हैं। ऑनलाईन सट्टे के खिलाफ जब पुलिस की टीम को इनपुट प्राप्त हुई । तब टीम दिल्ली रवाना हुई। और इसके बाद इन आरोपियों का पर्दाफाश किया गया हैं।दुर्ग एसपी अभिषेक पल्लव ने इस गिरोह का खुलासा करते हुये बताया कि, ये सभी लड़के ट्रेन और फ़्लाइट से दिल्ली जाकर सट्टे का कारोबार संचालित कर रहे थे। मौके से पुलिस ने 6 नग लैपटॉप 30 नग मोबाईल 4 ब्रॉडबैंड 19 एटीएम सहित करीब सौ करोड़ रुपयों के लेनदेन से जुड़े हिसाब किताब की कई डायरी जब्त की गई है।
कई सारे बैंकों से करोड़ों रुपयों का ट्रांजेक्शन
इन दोनो ब्रांच का संचालन भिलाई के साजन सिंह और नरेंद्र गिल के द्वारा किया जा रहा था। दुर्ग एसपी अभिषेक पल्लव ने बताया कि सट्टे से जुड़े इस तरह के मामलो में कई सारे बैंकों से करोड़ों रुपयों का ट्रांजेक्शन हुआ है। इसलिए ईडी इसे मनी लॉन्ड्रिंग से जोड़ कर देख रही है। इसलिए पिछले दिनों ऑनलाइन सट्टे के खिलाफ दुर्ग के मोहननगर थाने में पिछले दिनों दर्ज अपराध की चार्जशीट की कॉपी को ईडी की टीम के द्वारा मांगा गया था। जिसे पुलिस के द्वारा उपलब्ध कराया गया है।
मुख्य सरगना सौरभ चंद्राकर दुबई से इस पूरे गेम को संचालित कर रहा
ऑनलाइन सट्टा महादेव ऐप का मुख्य सरगना सौरभ चंद्राकर दुबई से इस पूरे गेम को संचालित कर रहा है। और उसके खिलाफ लुकऑउट जारी किया गया था। भारत सरकार से इसके लिए पत्राचार भी हुआ है। लेकिन कुछ खामियां आने के कारण उसे फिर से जारी किया गया है।
महादेव आईडी को संचालित करने वाले में हड़कंप
ऑनलाइन सट्टे के खिलाफ दुर्ग पुलिस के द्वारा जिस तरह से कार्यवाही की जा रही है। उससे अब महादेव आईडी को संचालित करने वाले में हड़कंप मचा हुआ है। तो वही इन्हें सरंक्षण देने वाले नेताओं की भी हालत अब पतली नजर आने लगी है। वही दुर्ग पुलिस का दावा है, कि अभी भी जिले के करीब डेढ़ सौ से भी ज्यादा बेरोजगार युवक 20 से 25 ब्रांच से जुड कर काम कर रहे हैं। लेकिन जल्द ही पुलिस उन्हें भी तोड़ने में कामयाब होगी।