धीरेंद्र शास्त्री को भूपेश बघेल की खुली चुनौती: “शास्त्रार्थ करके दिखाएं”

रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजनीति में एक बार फिर कथावाचक धीरेंद्र शास्त्री को लेकर सियासी बयानबाजी तेज हो गई है।
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर दो पोस्ट कर उन्हें प्रदेश के साधु-महात्माओं के साथ शास्त्रार्थ करने की खुली चुनौती दी है।
पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने अपने पहले पोस्ट में लिखा कि वे धीरेंद्र शास्त्री को चुनौती देते हैं कि छत्तीसगढ़ के मठ-मंदिरों में बैठे विद्वान साधुओं के साथ शास्त्रार्थ कर के दिखाएं, ताकि उनकी विद्वत्ता की वास्तविकता सामने आ सके।
दूसरे पोस्ट में बघेल ने तीखा तंज कसते हुए लिखा कि जब धीरेंद्र शास्त्री का जन्म भी नहीं हुआ था, तब से वे खुद हनुमान चालीसा और बजरंग बाण का पाठ करते आ रहे हैं।
उन्होंने सवाल उठाया कि आखिर धीरेंद्र शास्त्री उन्हें सनातन धर्म क्या है, यह सिखाने की कोशिश क्यों कर रहे हैं। बघेल ने यह भी कहा कि उनके ससुराल में ही पांच साधु हैं, लेकिन वे किसी तरह का ढोंग नहीं करते।
इस मुद्दे पर कांग्रेस ने राज्य सरकार को भी घेरना शुरू कर दिया है। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने आरोप लगाया कि धीरेंद्र शास्त्री को छत्तीसगढ़ लाने के लिए सरकारी विमान भेजना प्रदेश के खजाने का दुरुपयोग है। उन्होंने सवाल उठाया कि किस संवैधानिक हैसियत से उनके लिए सरकारी संसाधन इस्तेमाल किए गए और सरकार को इस पर स्पष्ट जवाब देना चाहिए।
सुशील आनंद शुक्ला ने यह भी कहा कि धीरेंद्र शास्त्री कथावाचक हो सकते हैं, लेकिन वे किसी मान्यता प्राप्त पीठ के पीठाधीश्वर या धर्माचार्य नहीं हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि उनका आचार-विचार और भाषा देश की गंगा-जमुनी संस्कृति के खिलाफ है। कांग्रेस नेता का कहना है कि सनातन धर्म जोड़ने का संदेश देता है, जबकि धीरेंद्र शास्त्री समाज में परस्पर विद्वेष फैलाने का काम करते हैं।
भूपेश बघेल की चुनौती और कांग्रेस के आरोपों के बाद यह मुद्दा राजनीतिक बहस का केंद्र बन गया है और आने वाले दिनों में इस पर और तीखी प्रतिक्रियाएं देखने को मिल सकती हैं।





