धराली गांव अब नहीं बसेगा: 34 सेकेंड में तबाह हुए उत्तरकाशी के इस गांव को सुरक्षित जगह शिफ्ट करेगी सरकार

दिल्ली। उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में 5 अगस्त को बादल फटने से आई आपदा ने धराली गांव को पूरी तरह तबाह कर दिया। खीर गंगा नदी में आई बाढ़ ने महज 34 सेकेंड में गांव को जमींदोज कर दिया।
सोमवार को सीएम हाउस में हुई बैठक में निर्णय लिया गया कि धराली को अब उसी स्थान पर नहीं बसाया जाएगा, बल्कि सुरक्षित जगह पर शिफ्ट किया जाएगा। नदियों के किनारे और भूस्खलन-प्रवण क्षेत्रों में नए निर्माण पर भी रोक लगाई जाएगी।
पिछले 10 वर्षों में धराली तीन बार आपदाओं का सामना कर चुका है, लेकिन हर बार गांव दोबारा बसाया गया। इस बार प्रशासन ने स्थायी विस्थापन की दिशा में कदम उठाया है। अपर सचिव बंशीधर तिवारी के अनुसार, ग्रामीणों से नई बसावट को लेकर बातचीत शुरू हो गई है। लोग 8 से 12 किमी दूर लंका, कोपांग या जांगला में बसाए जाने की मांग कर रहे हैं।

सरकार ने अब तक 43 लोगों के लापता होने की पुष्टि की है, जबकि स्थानीय लोग यह संख्या 60 से अधिक बता रहे हैं। इनमें 29 नेपाली मजदूर भी शामिल हैं, जिनमें से 5 से संपर्क हो चुका है और 24 अब भी लापता हैं। फिलहाल केवल एक शव बरामद हुआ है, जबकि मलबे में 100 से अधिक लोगों के दबे होने की आशंका है।
गंगनानी में टूटा पुल अब तैयार हो गया है, जिससे उत्तरकाशी और धराली का संपर्क फिर से जुड़ गया है। भास्कर ने लापता लोगों के परिजनों से बातचीत की, जिनमें कई अब शव मिलने का इंतजार कर रहे हैं। गोंडा के राकेश ठेकेदार ने बताया कि उनका 14 सदस्यीय दल होटल में काम कर रहा था, जिनमें से 4 अब भी लापता हैं। वहीं, जयदेव पंवार ने कहा कि उनके सामने 8 लोग मलबे में दब गए, जिनमें से केवल एक का शव मिला।