जिलेधमतरी

Dhamtri: खतरे में शहर की सुरक्षा:अधिकतर स्थानों पर खराब है सीसीटीवी कैमरा


संदेश गुप्ता@धमतरी। शहर में लगे ज्यादातर सीसीटीवी खराब या बन्द हो चुके है, पुुुलिस के पास इनकी मरम्मत के लिए फंड नही है, शासन को लगातार प्रस्ताव भेजा जा रहा है लेकिन कोई मदद नही मिल रही है, हाल ही में रामनवमी शोभायात्रा में हुई हत्या के बाद तीसरी आंख की खराबी एक बड़ी समस्या के रूप में सामने आई।

सीसीटीवी आज वो चौकीदार है जो कभी नही सोता, ये चुपचाप बिना लाठी और सिटी बजाए आठों पहर जागता रहता है, लगभग सभी बड़े व्यापारी इसे अपने दुकानों और मकानों में लगवाते है, बरसो पहले लंदन की मेट्रो ट्रेन में हुए आतंकी हमलों के मास्टरमाइंड का खुलासा सीसीटीवी के कारण हुआ था, उसके बाद ही दुनिया भर के देशों में सरकारी एजेंसियों ने अपने प्रमुख शहरों के चौक चौराहों पर सीसीटीवी लगवाए, धमतरी में भी करीब 3 साल पहले पुलिस ने व्यापारिक और सरकारी फंड जुटा कर चौक चौराहों पर सीसीटीवी लगवाए एक कंट्रोल रूम भी बनाया, अपराधों को रोकने, हादसों को रोकने और पुलिस को जांच में ये बड़े कारगर साबित होते रहे… लेकिन जैसे ही जिले के एसपी बदले ये सभी कैमरे मानो लावारिस हो गए, एक के बाद एक खराब होते चले गए, न उन्हें सुधरवाने कें प्रयास किये गए और न ही बदलने के… आज ज्यादातर सरकारी सीसीटीवी बन्द पड़े हुए हैं, इसका खुलासा तब हुआ जब रामनवमी शोभायात्रा में हुई हत्या के बाद पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज ढूंढने की कोशिश शुरू की, लाचारी में पुलिस को दुकानदारों से मदद लेनी पड़ी..हालांकि व्यापारियों के सीसीटीवी फुटेज में पुलिस को सुराग मिले, लेकिन इसके लिए एक लंबा वक्त भी लग गया, और जब मौजूदा एसपी ने सीसीटीवी खराब होने के कारण का पता लगाया तो, बताया गया कि मेंटेनेंस के लिए फंड नही होने कर कारण ये दुर्गति हुई है, आज के डिजटल युग में सीसीटीवी अपराधियो के खिलाफ एके-47 से भी ज्यादा कारगर हथियार है और इसकी कमी सबसे बड़ी कमजोरी, इस मामले में धमतरी के व्यापारी और स्थानीय लोगो का मानना है कि प्रशासनिक लापरवाही के कारण बना बनाया सिस्टम कबाड़ हो गया इसे फौरन दुरुस्त करना चाहिए।

ये भी एक कड़वा सच है कि, आज जिस सीसीटीवी की सबसे ज्यादा जरूरत पुलिस को है, उसके लीए किसी भी फंड का कोई प्रावधान ही नही है, जो भी व्यवस्था होती है उसे स्थानीय पुलिस को अपने स्तर पर देखना पड़ता है, धमतरी पुलिस की तरफ से कई बार शासन को प्रस्ताव बना कर भेजा जा चुका है, लेकिन आज भी इंतजार जारी है।

अपराधी हाईटेक होते जा रहे है और अगर पुलिस को भी हाईटेक करना है तो सीसीटीवी का महत्व शासन को समझना पड़ेगा, वरना फिर किसी बड़े अपराध के बाद पुलिस को व्यापारियों से मदद की गुहार का सिलसिला जारी रहेगा, और अपराधी बेखौफ होते जाएंगे।

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