
अनिल गुप्ता@दुर्ग। संभाग में दो नए जिलों के निर्माण के बाद क्षेत्र में मजबूत कानून व्यवस्था और बेहतर पुलिसिंग के साथ अन्य विभागीय कार्यों की समीक्षा को लेकर डीजीपी अशोक जुनेजा भिलाई स्थित पुलिस कंट्रोल रुम पहुंचे । इस बैठक में पुलिस महानिरीक्षक इंटेलिजेंस आनंद छाबड़ा आईजी ओपी पाल, दुर्ग और रायपुर आईजी बीएन मीणा दुर्ग संभाग के सातों जिलों के एसपी सहित पुलिस मुख्यालय के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
इस बैठक में राजनीतिक एवं आदिवासियों की प्रकरणों से वापसी पर गंभीरता से निराकरण के निर्देश भी दिये गए । उन्होंने पुलिस अधिकारियों से दो टूक कहा कि प्रदेश में जुआ, सट्टा और अवैध तरीके से बिक रही शराब पर अंकुश लगाएं। साथ ही चिटफंड कंपनियों के फरार संचालकों की गिरफ्तारी को लेकर भी गंभीरता बरतें। डीजीपी जुनेजा ने आम लोगों के साथ संवेदनशीलता पूर्ण व्यवहार करने के साथ-साथ नशीले पदार्थो के कारोबार, चोरी, लूटपाट और चाकूबाजी पर प्रभावी नियंत्रण और इन अपराधों में संलग्न अपराधियों के विरूद्ध कठोर कार्रवाई करने की बात भी कही। डीजीपी अशोक जुनेजा ने करीब 5 घँटों की मैराथन बैठक ली। इसके बाद उन्होंने मीडिया से रूबरू होते हुये, कहा कि मुख्यमंत्री ने रोड सेफ्टी और सड़क दुर्घटनाओं को लेकर विशेष रूप से रुचि दिखाई है। ट्रैफ़िक क्लियर करना घायलों को तत्काल हॉस्पिटल पहुँचना और इसके लिए जितने रिसोर्सेस है, उसका समय पर उपयोग करना है। इसलिए आज दुर्ग रेंज से इसकी शुरुआत हुई है। आगे सभी रेंज में इसी तरह से अधिकारियों की बैठक लेकर निर्देश जारी किया जायेगा है।
प्रशासनिक कसावट लाने सहित नये कैम्प खोले जाने की रणनीति तैयार की
डीजीपी अशोक जुनेजा ने नक्सल प्रभावित नये जिले खैरागढ़ और मानपुर मोहला में प्रशासनिक कसावट लाने सहित नये कैम्प खोले जाने की रणनीति तैयार की है। आइटीबीपी और छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल सहित डीआरजी को कैसे री – डिप्लॉय कैसे किया जाए उस पर भी समीक्षा की गई है।
प्रदेश में सबसे ज्यादा नशीली पदार्थो की तस्करी उड़ीसा बॉर्डर से होती है। इसके लिए 23 जांच चौकी बनाई गई है। जो कि 24 घँटों सीसीटीवी ऑपरेशनल है।