छत्तीसगढ़

Chhattisgarh: जितिन प्रसाद के BJP ज्वाइन करने पर कांग्रेस की प्रतिक्रिया आई सामने, ट्वीट कर कहा- ‘पार्टी छोड़ने के लिए धन्यवाद’….जानिए कौन है जितिन… जिनके जाने से कांग्रेस में फैली निराशा

रायपुर। (Chhattisgarh) प्रियंका और राहुल गांधी (Priyanka and Rahul Gandhi) के करीबी एक और कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद (Former Union Minister Jitin Prasada) ने पार्टी का ‘हाथ’ छोड़ बीजेपी का दामन थाम लिया. पार्टी ज्वाइनिंग के बाद जितिन प्रसाद ने पीएम नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ की. इधर जितिन प्रसाद के पार्टी छोड़ने पर कांग्रेस की प्रतिक्रिया भी सामने आई है.

छत्तीसगढ़ कांग्रेस (Chhattisgarh Congress) ने जितिन प्रसाद (Jitin Prasad) के पार्टी छोड़ने पर थोड़ा कड़वा ट्वीट किया है. ट्वीट करते हुए लिखा कि जितिन प्रसाद जी का कांग्रेस पार्टी छोड़ने के लिए धन्यवाद.

कांग्रेस में कार्यकर्ता बनकर रहना पड़ता है, नेता नहीं.’ जितिन प्रसाद का गंगा पर किया एक ट्वीट भी रिट्वीट किया गया है, जिसमें उन्होंने साल 2018 में गंगा की सफाई को लेकर मोदी सरकार (Modi Government) पर निशाना साधा था. छत्तीसगढ़ कांग्रेस ने लिखा कि ‘अब साफ हो गयी हो, तो जाकर अपना चेहरा देख लीजिए.’

23 नेताओं में शामिल थे जितिन, जिन्होंने कांग्रेस पार्टी को लिखा था पत्र

जितिन प्रसाद उन 23 नेताओं में शामिल हैं कांग्रेस में सक्रिय नेतृत्व और संगठनात्मक चुनाव की मांग को लेकर पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखा था. पत्र से जुड़े विवाद को लेकर यूपी के लखीमपुर खीरी जिले की कांग्रेस कमेटी  ने प्रस्ताव पारित कर उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी, जिसे लेकर विवाद भी हुआ था।

जितेंद्र प्रसाद के पुत्र हैं जितिन

जितिन प्रसाद जितेंद्र प्रसाद के पुत्र हैं, और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भी है. जिन्होंने पार्टी में कई अहम पदों पर अपनी सेवाएं दी थीं। जितिन ने 2004 में शाहजहांपुर से पहली बार लोकसभा का चुनाव जीता था और उन्हें कांग्रेस नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार में इस्पात राज्यमंत्री बनाया गया था।

इसके बाद उन्होंने 2009 में धौरहरा सीट से जीत दर्ज की। इसके बाद उन्होंने सरकार में पेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस, सड़क परिवहन और राजमार्ग और मानव, संसाधन विकास राज्यमंत्री की जिम्मेदारी संभाली। 2014 के लोकसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा। इसके बाद उन्होंने पिछले विधानसभा चुनाव (Assembly elections) में तिलहर सीट से हाथ आजमाया लेकिन इसमें भी उन्हें निराशा ही मिली। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में भी धौरहरा से उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।

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