दिल्ली। दिल्ली में 10 नवंबर को लाल किला के पास हुए ब्लास्ट ने देश की सुरक्षा एजेंसियों को चौंका दिया है। जांच में सामने आया कि लखनऊ की डॉ. शाहीन शाहिद पिछले 10 साल से जैश-ए-मोहम्मद से जुड़ी थी।
NIA के सीनियर अधिकारी के मुताबिक शाहीन 2015 में जैश के संपर्क में आई और एक साल तक संवेदनशील सूचनाएं भेजती रही। 2016 में वह एक्टिव सदस्य बन गई। एजेंसियां अब उसके 10 साल के मूवमेंट और पूरे नेटवर्क की पड़ताल में जुटी हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार जांच में यह भी सामने आया कि व्हाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल कई साल से साजिश रच रहा था। 2021 में नौकरी और परिवार छोड़ने पर रिश्तेदारों के सवाल करने पर शाहीन ने कहा था “अपने लिए बहुत जी लिए, अब कौम का कर्ज उतारना है। जो करूंगी उस पर फख्र होगा।” आतंकी उसे ‘सर्जन मैडम’ कहा करते थे।
इस बीच जांच में हवाला फंडिंग का बड़ा लिंक सामने आया है। तीन डॉक्टरों उमर, मुजम्मिल और शाहीन तक पहुंचे 20 लाख रुपए के फंड ट्रेल का खुलासा हुआ है। इसी रकम को लेकर उमर-उन-नबी और शाहीन के बीच विवाद भी हुआ था।
जम्मू-कश्मीर में CIK ने देर रात अनंतनाग में छापा मारकर हरियाणा की डॉक्टर प्रियंका शर्मा से पूछताछ की है। वह 2023 से उसी घर में रह रही थी।
दिल्ली ब्लास्ट का यूपी कनेक्शन भी गहराता जा रहा है। पांच डॉक्टर गिरफ्तार किए जा चुके हैं। जांच एजेंसियों के मुताबिक सिमी, इंडियन मुजाहिदीन और PFI के बाद अब यह नया कट्टर मॉड्यूल मेडिकल प्रोफेशनल्स को निशाना बना रहा है।
उधर, दिल्ली में धमाके के पांच दिन बाद लाल किला मेट्रो स्टेशन के सभी गेट खोल दिए गए हैं। जांच जारी है और एजेंसियां पूरे मॉड्यूल में 25–30 आतंकियों की मौजूदगी की आशंका जता रही हैं।
