Population Control Policy का ऐलान, मुख्यमंत्री ने कहा- कि बढ़ती आबादी विकास में बाधक

लखनऊ। (Population Control Policy) यूपी की योगी सरकार आबादी पर लगाम लगाने की तैयारी में हैं. एक कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नई जनसंख्या नीति (Population Control Policy) का ऐलान कर दिया है. लखनऊ (Lucknow) में एक कार्यक्रम के दौरान योगी ने नई नीति के ऐलान के दौरान कहा कि बढ़ती आबादी विकास में बाधक होती है. सीएम योगी ने कहा कि जनसंख्या नियंत्रण के लिए और कोशिश जरूरी है.
सीएम योगी ने कहा कि इस मामले में जागरूकता की भूमिका काफी अहम है. उन्होंने कहा कि जनसंख्या नीति का संबंध हर नागरिक से है. बढ़ती जनसंख्या गरीबी का कारण है. उन्होंने कहा कि दो बच्चों के बीच भी गैप होना चाहिए. अगर दो बच्चों के बीच एक अच्छा अंतराल नहीं होगा तो उनके पोषण पर भी असर पड़ेगा. सीएम योगी ने कहा कि गरीबी और बढ़ती आबादी एक दूसरे से जुड़े हुए हैं.
क्या है ये नीति?
2021-2030 के लिए प्रस्तावित नीति के माध्यम से परिवार नियोजन कार्यक्रम के अंतर्गत जारी गर्भ निरोधक उपायों की सुलभता को बढ़ाया जाना और सुरक्षित गर्भपात की समुचित व्यवस्था देने की कोशिश होगी. वहीं, उन्नत स्वास्थ्य सुविधाओं के माध्यम से नवजात मृत्यु दर, मातृ मृत्यु दर को कम करने, नपुंसकता/बांझपन की समस्या के समाधान उपलब्ध कराते हुए जनसंख्या में स्थिरता लाने के प्रयास भी किए जाएंगे. इसके साथ ही इस नीति का उद्देश्य 11 से 19 वर्ष के किशोरों के पोषण, शिक्षा और स्वास्थ्य के बेहतर प्रबंधन के अलावा, बुजुर्गों की देखभाल के लिए व्यापक व्यवस्था करना भी है.
क्या है नई जनसंख्या नीति
नई जनसंख्या नीति (Population Control Policy) में नवजात मृत्यु दर एवं मातृ मृत्यु दर को कम करने की कोशिश होगी। 11 से 19 वर्ष के किशोरों के पोषण, शिक्षा और स्वास्थ्य के बेहतर प्रबंधन की व्यवस्था की जाएगी। नई नीति में गर्भ निरोधक उपायों की सुलभता को बढ़ाने, सुरक्षित गर्भपात की समुचित व्यवस्था देने, नपुंसकता- बांझपन की समस्या का समाधान करने, बुजुर्गों की देखभाल के लिए व्यापक व्यवस्था की जाएगी। नई नीति जनसंख्या स्थिरीकरण के प्रयासों को तेज करने वाली होगी।
दो से ज्यादा बच्चे होने पर नुकसान
जिन लोगों के दो से ज्यादा बच्चे होंगे, उन्हे कई सुविधाओं से वंचित होना पड़ सकता है। मसलन ऐसे लोग सरकारी नौकरी के आवेदन के लिए अपात्र माने जाएंगे, नौकरी में हैं तो कुछ लाभों से वंचित हो जाएंगे। न तो स्थानीय निकाय चुनाव लड़ सकेंगे और न ही किसी तरह की सब्सिडी मिलेगी। 77 सरकारी योजनाओं व अनुदान का लाभ भी नहीं मिलेगा।