सास-ससुर के साथ बहू नहीं रहना चाहती, पति ने दिया तलाक, हाईकोर्ट ने दी मंजूरी

बिलासपुर। बिलासपुर में एक महिला ने अपने ससुराल को छोड़कर मायके में रहने का फैसला किया और इसके बाद पति और उसके परिजनों के खिलाफ दहेज प्रताड़ना का मामला दर्ज करा दिया। हालांकि, कोर्ट ने सभी आरोपियों को बरी कर दिया। इसके बाद, पति ने पत्नी से साथ रहने के लिए कोर्ट में आवेदन दिया, लेकिन पत्नी ने शर्त रखी कि वह अपने माता-पिता को छोड़कर पति के साथ रहेगा, तभी वह साथ रहने को तैयार होगी।
पति ने इसके बाद अपना आवेदन वापस ले लिया और तलाक की अर्जी दी। फैमिली कोर्ट ने तलाक की अर्जी खारिज कर दी, जिसके बाद पति ने हाई कोर्ट में अपील की। हाई कोर्ट की डिवीजन बेंच ने इसे क्रूरता मानते हुए तलाक मंजूर कर लिया और पति को आदेश दिया कि वह पत्नी को दो महीने के भीतर एकमुश्त 5 लाख रुपये गुजारा भत्ता दे। कोर्ट ने यह माना कि पत्नी ने कभी भी वैवाहिक जीवन को बचाने की कोशिश नहीं की और बिना किसी कारण के ससुराल छोड़ दिया था, जो क्रूरता की श्रेणी में आता है। इस मामले में 28 अप्रैल 2007 को हुए विवाह को हाई कोर्ट ने शून्य घोषित कर दिया।