दंतेवाडा

Dantewada: सिलेगर कैंप विरोध खत्म, 28 दिनों बाद आदिवासियों ने रोका आंदोलन, इधर नक्सली खत बरामद….हो सकता है बड़ा नक्सली हमला, एसपी ने की पुष्टि

दंतेवाड़ा। (Dantewada) 28 दिनों बाद सिलेगर कैंप (Silgar Camp) को लेकर चल रहा विरोध खत्म हो गया है। तर्रेम में बुधवार को मूलवासी बचाओ मंच, सर्व आदिवासी समाज, गोंडवाना समाज और अन्य आदिवासी समाज पदाधिकारियों की बैठक हुई। बैठक में आंदोलन को खत्म करने पर चर्चा हुई। मंच की ओर से कहा गया है कि

कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच प्रदर्शन खत्म करने का निर्णय लिया गया है। लेकिन मंच ने ऐलान किया है कि सभा समाप्त हुई है, आंदोलन नहीं। कैंप को हटाने की मांग आगे भी जारी रहेगी। अब नए सिरे से रणनीति तय कर शांतिपूर्ण से ढंग से आंदोलन किया जाएगा।

सिलेगर कैंप विरोध में नक्सलियों के शामिल होने की खबर

दंतेवाड़ा पुलिस ने खुलासा करते हुए कहा है कि मंगलवार को डीआरजी के जवान दंतेवाड़ा और बीजापुर व सुकमा इन तीनों जिलों के सरहद पर सर्चिग के लिए निकले थे। इसी दौरान जवानों ने 8 संदिग्धों को गिरफ्तार किया है। उनके पास से एक पत्र बरामद हुआ। इस पत्र में खुलासा हुआ है कि सिलेगर इलाके में नक्सली बड़ी वारदात को अंजाम दे सकते हैं।

कोडवर्ड में लिखा नक्सलियों ने

नक्सलियों ने कोर्ड वर्ड में लिखा कि टोरा का तेल निकाल कर रखना और पका आम सूखा कर रखना। पुलिस ने इसका डिकोड किया, जिसमें दावा किया है सिलेगर बड़ा नक्सली हमला हो सकता है। जिसकी पुष्टि एसपी अभिषेक पल्लव ने की है।

सिलेगर कैंप विरोध

बीजापुर-सुकमा बार्डर (Bijapur-Sukma Border) पर स्थित सिलगेर में कैंप खुलने का विरोध ग्रामीण कर रहे हैं। इस बीच 17 मई को इस विरोध के दौरान फायरिंग हुई। गोली लगने से नाबालिग सहित तीन लोगों की मौत हुई। पहले उन्हें नक्सली बताया गया, फिर ग्रामीण होने की पुष्टि हुई। इस दौरान मची भगदड़ में घायल एक गर्भवती महिला ने भी दो दिन पहले दम तोड़ दिया। कई अभी भी घायल हैं।

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