दिल्ली। राजस्थान में साइबर ठग अब पुलिस से दो कदम आगे निकल गए हैं। चीन में बने एक ऐप के जरिए वे पुलिस की हर गतिविधि पर नजर रख रहे हैं।
जैसे ही किसी खाते को फ्रीज करने की प्रक्रिया शुरू होती है, उन्हें एप से पहले ही अलर्ट मिल जाता है। इसी कारण राज्य में पिछले 9 महीनों में 3 अरब 38 करोड़ रुपए की ऑनलाइन ठगी हो चुकी है, जबकि पुलिस सिर्फ 2 करोड़ 22 लाख रुपए ही रिकवर कर पाई है।
यह खुलासा भिवाड़ी पुलिस के हत्थे चढ़े 122 करोड़ की ठगी के मास्टरमाइंड अंकित शर्मा ने किया है। उसने बताया कि चीन से संचालित यह गिरोह “लाइव एप” के जरिए हर ठगी वाले खाते को ट्रैक करता है। जैसे ही कोई खाता फ्रीज होता है, ठग तुरंत रकम दूसरे खाते में ट्रांसफर कर देते हैं।
साइबर एक्सपर्ट्स के अनुसार, गिरोह फर्जी बैंक खातों से ठगी का पैसा निकालकर उसे तेजी से क्रिप्टो करेंसी या अमेरिकी डॉलर में बदल देता है, ताकि पुलिस कार्रवाई से पहले रकम विदेश भेजी जा सके। गिरोह कॉइन एप, शोपे एप जैसे प्लेटफॉर्म से लेनदेन करता है।
पुलिस ने अंकित के पास से 38 चेकबुक, 20 एटीएम कार्ड, 9 मोबाइल, 8 क्यूआर कोड और 2.5 लाख नकद बरामद किए हैं। राष्ट्रीय साइबर क्राइम पोर्टल पर उसके खातों से जुड़ी 183 शिकायतें मिली हैं।
राजस्थान में जनवरी से सितंबर 2025 के बीच 1 लाख 2 हजार से अधिक साइबर शिकायतें दर्ज हुईं। औसतन हर दिन 406 लोग ऑनलाइन ठगी के शिकार हो रहे हैं। पुलिस अब इस चीनी एप और इसके सर्वर की तकनीकी जांच में जुटी है, जिसके जरिए ठग पुलिस से पहले ही हर कदम की खबर पा लेते हैं।
