शिव शंकर साहनी@सरगुजा. केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल की सुरक्षा के लिहाज से एक अहम भूमिका होती है..यही वजह है कि आतंकवाद हो या नक्सल हो इन क्षेत्रों में इनकी तैनाती की जाती है.
आपको बता दें कि सरगुजा जिले के ग्राम केपी अजिरमा में बने केंद्रीय रिजर्व पुलिस प्रशिक्षण केंद्र का चंडीगढ़ के 62 वी केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के आईजी मूल चंद पवार ने निरीक्षण किया.इस निरीक्षण में बटालियन में रह रहे जवानों की बेसिक शारीरिक दक्षता को मापा गया और रोजमर्रा में होने वाली गतिविधियों की भी जांच की गई. इस दौरान आईजी ने जवानों के साथ वृक्षारोपण भी किया.
छत्तीसगढ़ सेक्टर में 2 लाख 65 हजार पौधे लगाने का लक्ष्य रखा गया है..जिसमे में 62 वी बटालियन को 5000 वृक्षारोपण करने का लक्ष्य है..इधर आईजी बताया कि मैने 1986 में सीआरपीएफ ज्वाइन करने के बाद प्रधानमंत्री सुरक्षा दस्ते में 9 साल तक काम किया है..इसलिए मैं समझता हूं कि जवानों को मोरल बूस्टिंग की अत्यंत आवश्यकता होती है..इसलिए हर 2 साल में इन जवानों की काउंसलिंग की जाती है..साथ ही कहा कि हमारे जवान देश की विशेष सुरक्षा टीम है..वहीं नई रणनीति के साथ फॉरवर्ड पोस्ट स्टेप के तहत जितने भी बैकवर्ड नक्सल क्षेत्र हैं..उन क्षेत्रों में कंपनी के द्वारा पहाड़ काटकर रहने और खाने की व्यवस्थाएं की जा रही है..जिससे कि नक्सलियों को और आगे धकेला जा सके और फोर्स को जितना अंदर ले जाया जा सकता है..उतना ले जाया जाएगा साथ ही कहा कि सेंट्रल ओर स्टेट की पुलिस को तालमेल बनाकर चलना होगा तभी नक्सलवाद पर काबू पाया जा सकता है।