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200 करोड़ की संपत्ति दान कर संन्यासी बना दंपति, सोना-चांदी और कैश सड़कों पर लुटाया


अहमदाबाद। 22 तारीख को अहमदाबाद रिवर फ्रंट पर एक साथ 35 लोग सांसारिक जीवन को छोड़ संयमित जीवन में अपना कदम रखने जा रहे हैं. संन्यास ग्रहण करने के बाद भावेश भाई और उनकी पत्नी को संयमित दिनचर्या का पालन करना होगा. वे जीवन भर भिक्षा मांगकर गुजारा करेंगे. इतना ही नहीं उनको पंखा, एसी, मोबाइल फोन जैसी सुख-सुविधाएं भी त्यागनी पड़ेगी.

कारोबारी भावेश भाई भंडारी की परवरिश सुख-सुविधाओं में हुई है. उनका हिम्मतनगर और और अहमदाबाद में  कंस्‍ट्रक्‍शन का बड़ा कारोबार है. भंडारी परिवार का जैन समुदाय के साथ लंबे समय से जुड़ाव रहा है. यह समुदाय भिक्षुओं और भक्तों से जुड़ा रहता है. भावेश भाई और उनकी पत्नी ने सभी भौतिक संपत्तियों का त्याग करके तपस्वी जीवन जीने का फैसला लिया है. 

200 करोड़ की संपत्ति दान कर बने संन्यासी

22 तारीख को अहमदाबाद रिवर फ्रंट पर एक साथ 35 लोग सांसारिक जीवन को छोड़ संयमित जीवन में अपना कदम रखने जा रहे हैं. संन्यास ग्रहण करने के बाद भावेश भाई और उनकी पत्नी को संयमित दिनचर्या का पालन करना होगा. वे जीवन भर भिक्षा मांगकर गुजारा करेंगे. इतना ही नहीं उनको पंखा, एसी, मोबाइल फोन जैसी सुख-सुविधाएं भी त्यागनी पड़ेगी. वे जहां कहीं भी यात्रा करेंगे उन्हें नंगे पांव चलना होगा. 

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